रायपुर,,प्रदीप मिश्र पंडित रविशंकर शुक्ल विश्व विद्यालय कर्मचारी संघ के पूर्व सचिव एवं छत्तीसगढ़ विश्वविद्यालायीन पेंशनर्श कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रदीप कुमार मिश्र जी ने बताया कि हमारे प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पहले जनदर्शन 27 जून 2024 को भीड़ अधिक होने के कारण सेवा निवृत कर्मचारीगण मुलाकात नहीं कर सके फिर दूसरे जनदर्शन 4 जुलाई 2024 को हुई उक्त जनदर्शन में सेवानिवृत कर्मचारियों ने प्रत्यक्ष मिलकर अपना पक्ष रखते हुए आवेदन पत्र देते हुए प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालयीन सेवानिवृत कर्मचारियों को पेंशन मिले इसके लिए निवेदन किया था , उक्त आवेदन दिये आज पूरे पांच माह हो गए आज पर्यंत तक आदेश जारी नहीं हो पाया है l
मिश्र जी ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के सभी विश्वविद्यालय के समस्त सेवानिवृत शिक्षक, अधिकारी, और कर्मचारीगण जो विश्वविद्यालय में सेवारत रहते हुए सातवें वेतनमान के वेतन का लाभ लेते हुए सेवा निवृत होते हैं तब उन्हें सेवानिवृति उपरांत छठवे वेतनमान के आधार पर पेंशन दिया जाता है जो कि किसी भी दृष्टिकोण से न्यायोचित नहीं है l*,,बाबा घासीदास जी ने कहा है कि मनखे मनखे एक समान सबके लहू एक समान ,,* इस विचार धारा के अनुसार प्रदेश के समस्त शासकीय , अर्ध शासकीय, निगम, मंडल, विश्वविद्यालयीन औरआयोग के कर्मचारियो की कार्यालयीन कार्य प्रकृति और कार्य प्रणाली एक समान होती है फिर छठवें, सातवें वेतनमान लागू करने / एरियर्स आदि के लिए अलग अलग आदेश क्यो जारी किया जाता है, जब जब देश और प्रदेश में चुनाव होते हैं तो उपरोक्त सभी कार्यालयों के कर्मचारियो को चुनाव कार्य में लगाया जाता है उपरोक्त सभी कर्मचारीगण पूरी तनमयता और इमानदारी से कार्य करते हैं तभी चुनाव निर्विघ्न संपन्न होता है इन्ही सब बातों को रखने के लिए विश्वविद्यालय सेवानिवृत कर्मचारीगण छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुखिया जी से 12 दिसम्बर को रखने की मांग / निवेदन करते हैं कि नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के पूर्व संभवतः अंतिम जनदर्शन वर्ष 2024 का आयोजित किया जाय ताकि प्रदेश की जनता और हम विश्वविद्यालय सेवानिवृत कर्मचारीगण प्रदेश के मुखिया से रूबरू होकर अपनी समस्या रख सकें l
हमारे सर्व मान्य माननीय प्रधानमंत्री मोदी ने , वन नेशन वन इलेक्शन / एक देश एक चुनाव / एक देश एक राशन कॉर्ड जैसी अन्य विचार धारा की सोच को आगे बढ़ाते हुए कार्य कर रहे हैं तो प्रदेश की डबल इंजन की सरकार जन दर्शन आयोजित करके जन समस्यायों का निराकरण शीघ्र करने की दिशा में कार्य करें हम सब प्रदेश के मुखिया के साथ खड़े हैं l
गौरतलब है कि 31 दिसंबर 2015 तक किसी भी वर्ग का विश्वविद्यालयीन कर्मचारी सेवानिवृत होता है तो उसे सातवें वेतनमान के आधार पर पेशन देने के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आदेश जारी किया गया है , जबकि ये कर्मचारीगण अपने सेवाकाल में सातवें वेतनमान के आधार पर एक भी दिन का वेतन नहीं लिए हैं। जबकि 1जनवरी 2016 से छत्तीसगढ़ शासन ने अपने प्रदेश के समस्त शासकीय कर्मचारीयों के लिए सातवें वेतनमान लागू करते हुए उसके समस्त लाभ पेंशन आदि के लिए आदेश जारी किया हुआ है । इसके साथ ही प्रदेश के निगम, मंडल, आयोग अर्ध शासकीय संस्थाओ के साथ साथ विश्विद्यालयो के कर्मचारीओ के लिए भी पृथक से आदेश जारी किया हुआ है। लेकिन विश्व विधालय के कर्मचारियो के लिए पृथक से कोई भी आदेश उच्च शिक्षा विभाग / वित्त विभाग द्वारा पेशंन हेतु आदेश जारी नहीं होने से सातवें वेतनमान के आधार पर पेंशन का लाभ लेने से कर्मचारिगण आज पर्यंत तक वंचित होते हुए संघर्षरत हैं। मिश्र ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री जी के समक्ष 4 जुलाई 2024 को प्रतिनिधि मंडल ने अपनी पेंशन समस्या को संक्षिप्त रूप में रखा , मुख्य मंत्री जी ने सेवानिवृत कर्मचारीओ की समस्याओ को ध्यान से सुना और शीघ्र आदेश जारी किए जाने का आश्वशन देते हुए भरोशा दिलाया प्रतिनिधि मंडल ने उनके द्वारा दिये गये आश्वशन के बाद पेंशन आदेश जारी होने का आज तक इंतजार कर रहे हैं, मुख्यमंत्री जी से उनके निवास में मिलने के लिए बहुत प्रयास किया गया किंतु उक्त प्रयास में सफलता नहीं मिली , विगत कई महीनों से जनदर्शन नही होने से सेवानिवृत कर्मचारीगण अपनी पीड़ा किसे और कहाँ बताएं ।