रायपुर,, पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ की आम सभा में संघ के पूर्व अध्यक्ष श्रवण सिंह ठाकुर , कनिष्ठ अधीक्षक को उनके 37 वर्षों के कर्मचारी के रूप में एवं 22 वर्षों तक संघ के कार्यों में निष्पक्ष सच्चाई और ईमानदारी से सफलता पूर्वक कार्य करते हुए सेवानिवृत होने पर विदाई दी।
कर्मचारी संघ के अध्यक्ष डॉ दिलीप घृतलहरे ने कहा कि श्रवण सिंह ठाकुर ने 1 जनवरी 2001 से कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष के पद से कर्मचारी हित का काम करते हुए 2002 से 2005 तक विश्वविद्यालय सभा का प्रथम एवं अंतिम निर्वाचित कुल सांसद बनकर संस्था एवं कर्मचारी हित में अनेकों पत्र राजभवन एवं राज्य शासन को दिए जिसे प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी एवं प्रथम राज्यपाल दिनेश नंदन सहाय का आशीर्वाद मिला ।तब से निरंतर स्थानीय सोसाइटी राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के संगठनों में विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए संस्था एवं कर्मचारी हित में राजभवन एवं राज्य शासन को सैकड़ो प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष पत्र देकर विश्वविद्यालय में उपजे भेदभाव को समाप्त करने छठे एवं सातवें वेतनमान एरियर्स एवं अन्य मांगों को लेकर कई बार हड़ताल कर पूरा कराया एवं संस्था को सजाने का काम किया। इनके दीर्घअनुभवों का लाभ लेते हुए संघ ने अंत में संगठन का चुनाव कराने का दायित्व सौपा , जिसे सहर्ष स्वीकार कर एक माह के भीतर गुप्त मतदान प्रणाली से निष्पक्ष एवं पारदर्शीयता के साथ चुनाव कराया
। श्री ठाकुर वर्तमान में कर्मचारी सहकारी समिति के वरिष्ठ संचालक होने के नाते अभी भी हम सब के साथ जुड़े हुए हैं। संघ के समस्त पदाधिकारियो एवं कर्मचारियों ने संस्था एवं कर्मचारी हित में किए गए कार्यों को याद करते हुए स्वस्थ , दीर्घायु, मंगलमय एवं उज्जवल भविष्य की कामना किया। श्रवण सिंह ठाकुर ने एक कर्मचारी एवं संघ के पूर्व पदाधिकारी के रूप में अपने कार्य एवं अनुभव को साझा करते हुए बताया कि संस्था में हो या संगठन में , जो भी दायित्व मिले, उसे हंसकर स्वीकार करें और सच्चाई और ईमानदारी से काम करके दिखाएं। कर्मचारी हितों को ध्यान में रखकर 2009 से प्रशासन विभाग में अपने स्थानांतरण करने का आग्रह किया लेकिन आज तक यह सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ, वहीं पर संगठन ने हर कार्य को करने का अवसर दिया , जिसे स्वीकार कर कार्य किया। संगठन में बहुत बड़ी ताकत होती है, हर कार्य में सफलता मिलती है । आप सभी के सहयोग से संगठन के पत्रों एवं हड़ताल को देखकर ही 2016 में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आने से इनकार करने पर पूर्व राज्यपाल एवं कुलाधिपति टंडन जी ने 22 में दीक्षांत समारोह का बहिष्कार कर दिया था । अपने अनुभवों के आधार पर ही कर्मचारियों की समस्याओं का त्वरित निराकरण कराने 16 वर्षों तक एक कर्मचारी को कार्य परिषद सदस्य बनवाने का प्रयास किया
। विश्वविद्यालय के ग्रेडिंग को बढ़ाने, रुके हुए विकास कार्य को पूर्ण कराने 7 वर्षों से लंबित करोड़ रूपये के ऑडिट आपत्ति का निराकरण कराने , 2016 की तरह आईएएस अफसर को एक बार फिर से कुल सचिव बनाने की मांग किया गया। राज्यपाल के माध्यम से देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि बनाने का आग्रह किया संस्था एवं कर्मचारी हित में राज्यपाल एवं कुलाधिपति को समस्त गतिविधियों की जानकारी देने 23 माह तक प्रयास किया। सभा के अंत में संघ के सचिव संदीप खरगवंशी ने समस्त कर्मचारियों का आभार व्यक्त करते हुए श्रवण सिंह ठाकुर को समय-समय पर संघ में आकर अपने दीर्घ अनुभवों का लाभ एवं मार्गदर्शन दिए जाने का आग्रह किया गया।।