सभी वेदों में भागवत वेद पुराण श्रेष्ठ है, सिर्फ कथा श्रवण मात्र से ही खुल जाता है मोक्ष का द्वार, सेलूद में भागवत कथा शुरू


पाटन। ग्राम सेलूद में शनिवार से भागवत कथा की शुरुआत हुई। कथा वाचक पंडित लोकेश महाराज पाथरी डोंगरगढ़ वाले है। कथा का आयोजन उपसरपंच चंचल यादव परिवार के द्वारा स्व सालिक राम यादव, स्व सुखबती यादव, स्व रौनक यादव की स्मृति में कथा का आयोजन किया जा रहा है। प्रथम दिवस गाजे बाजे के साथ निकली कलश यात्रा में बड़ी संख्या में छोटे-छोटे बच्चे, युवती व महिलाओं ने हिस्सा लिया। महिला पुरुषों ने बाजे-गाजे के साथ कलश यात्रा निकाली। कलश यात्रा में पीले वस्त्र धारण की हुई कन्याएं व महिलाएं सिर पर कलश धारण किए हुए मंगलगीत गाते हुए चल रही थीं। कलश यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं के जयकारे से वातावरण गुंजायमान हो गया।

राधे-राधे के उद्घोष से माहौल भक्ति के रस में डूब गया

इसके बाद मंत्रोच्चारण के बीच पुरोहित आचार्य लोकेश महाराज द्वारा कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की तथा आचार्यों द्वारा विधिविधान पूर्वक पूजन संपन्न की गई।।

प्रथम दिवस की कथा में कथा व्यास से पंडित लोकेश महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा का महत्व बताते हुए कहा कि भागवत महापुराण को वेदों का सार कहा जाता है। आचार्य जी ने श्रीमद्भागवत महापुराण की व्याख्या करते हुए बताया कि श्रीमद्भागवत अर्थात जो श्री से युक्त है अर्थात चैतन्य,सौंदर्य,ऐश्वर्य यानी वह कथा जो हमारे जड़वत जीवन में चैतन्यता का संचार करती है जो हमारे जीवन को सुंदर बनाती है वह श्रीमद् भागवत कथा है। उन्होंने बताया कि यह ऐसीअमृत कथा है जो देवताओं के लिए भी दुर्लभ है। इसलिए परीक्षित ने स्वर्ग अमृत की बजाय कथामृत की ही मांग की।

महाराज ने भागवत को वेद पुराण उपनिषओं का सार बताते हुए कहा कि जैसे जंगल में शेर की गर्जना सुनते ही सभी जीव जंतु भाग जाते हैं। वैसे ही श्रीमद् भागवत के श्लोक सुनते ही मनुष्य के सारे पाप दूर हो जाते हैं। श्रीमद्भागवत कथा में 335 अध्याय, 12 सल तथा 18000 श्लोक हैं। जैसे मनुष्य में राजा सुरेश होता है, नदियों में गंगा, शरीर में मस्तक तथा वैष्णव में भगवान अच्युत श्रेष्ठ हैं, वैसे ही पुराणों में श्री भागवत महापुराण श्रेष्ठ है। श्री श्री भागवत कथा के श्रवण से भक्ति ज्ञान वैराग्य की जागृति होती है। धुंधकारी जैसे पापी व्यक्ति भी पुनीत हो जाता है।इस अवसर पर मुख्य रूप से थान सिंह यादव, श्रीमती अनिता यादव, खुमान सिंह, मालती, उपसरपंच चंचल यादव, सत्यवती यादव, भूखु राम, चुन्नी, कमलेश, सोना, नारद यादव, पिंकी, विनोद यादव, भारती, राज यादव, तारिणी, लालू यादव, नोमिन, रविकांत, नितेश, तरेंद्र, जयश्री, पुष्पांजलि, सहित अन्य मौजूद रहे।

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