पाटन ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम घुघुवा(क) में नाई समाज का एक परिवार निवास करता है, उक्त परिवार में कोई पुत्र नहीं है, सिर्फ तीन पुत्रियाँ ही मात्र है लेकिन इन बेटियों ने सिद्ध कर दिया की बेटियां भी बेटों के बराबर ही होती हैं, दरअसल ग्राम घुघुवा(क) में मार्डन टेलर के नाम से प्रसिद्ध प्रह्लाद कौशिक उर्फ़ भोला की अस्वस्थता के कारण कुछ समय पहले ही देहावसान हो चूका है, परिवार में माता सरस्वती कौशिक और तीन बेटियाँ ही थी, माता ने परिवार चलाने के लिए मितानिन दीदी का काम किया और बेटियों ने पुरुष विहीन परिवार को जिम्मेदार बेटा के सामान संभाला परन्तु नियति को कुछ और ही मंजूर था दुर्भाग्यवश माता सरस्वती कौशिक का भी लंबी अस्वस्थता के चलते आकस्मिक देहावसान हो गया, परिवार समाज में अंतिम संस्कार के समय बेटे के द्वारा मुखाग्नि देने का रिवाज है परन्तु परिवार में बेटा नहीं होने के कारण स्व. सरस्वती कौशिक की बड़ी बेटी रानू उर्फ़ टेशू कौशिक ने यह रिवाज निभाते हुए अपनी माता को मुखाग्नि देकर समाज परिवार के लिए एक आदर्श स्थापित किया, उपरोक्त कार्य में परिवार, सभी रिश्तेदार और स्थानीय नाई समाज ने बिटिया रानू उर्फ़ टेशू कौशिक को पूर्ण सहयोग प्रदान किया, समाज ने कहा इस बेटी ने सिद्ध कर दिया कि परिवार में सभी बेटी बेटे एक समान ही होते हैं, बेटा बेटी में कोई भी भेद नहीं किया जाना चाहिए।