रायपुर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा 27 सिंतम्बर को एक दिवसीय सामूहिक अवकाश लेकर चार सूत्रीय मांगों की ओर राज्य शासन का ध्यान आकर्षित करते हुए मोदी की गारंटी के तहत महंगाई भत्ता तत्काल दिए जाने की मांग की। इसमें बड़ी संख्या में पेंशनर भी आंदोलन में भाग लिए थे। कर्मचारी नेता विजय कुमार झा एवं वरिष्ठ पेंशनर समिति के अध्यक्ष शेख जुम्मन ने कहा है कि पूरे देश में वन नेशन,वन इलेक्शन,का नारा दिया जा रहा है। इसलिए वन महंगाई भत्ता की योजना को भी लागू की जानी चाहिए। छत्तीसगढ़ राज्य में कभी भी भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उप चुनाव की घोषणा की जा सकती है। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार जो महंगाई भत्ता देने की इच्छा शक्ति का अभाव है। ऐसी स्थिति में महंगाई भत्ता न देने के लिए आदर्श आचार संहिता की बहाने बाजी सरकार करेगी। लेकिन इसका दूसरा पहलू यह भी है कि महंगाई भत्ता न मिलने पर आगामी होने वाले किसी भी प्रकार के चुनाव में उसकी खामियाजा सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी को भुगतना पड़ेगा। इसलिए आचार संहिता प्रभावी होने के पूर्व तत्काल महंगाई भत्ता की घोषणा की जानी चाहिए। जब देश में वन नेशन, वन इलेक्शन की योजना प्रभावी हो जाएगी तब वन महंगाई भत्ता लागू करते हुए महंगाई भत्ता के आदेश में केंद्र सरकार को यह समाहित कर दिया जाना चाहिए कि महंगाई भत्ता के आदेश के बाद 15 दिवस के भीतर सभी राज्य सरकारें महंगाई भत्ता का आदेश जारी करें।