आई एस बी एम विश्वविद्यालय में पर्यावरण स्थिरता जागरूकता कार्यक्रम

आज आई एस बी एम विश्वविद्यालय में पर्यावरण स्थिरता जागरूकता कार्यक्रम में पैनल डिस्कशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका शुभारंभ माँ सरस्वती माता की पूजा अर्चना और राजकीय गीत के साथ हुआ ! इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आनंद महलवार, संस्था के कुल सचिव डॉ बी पी भोल और अकादमिक अधिष्ठाता और आई क्यु ए सी डायरेक्टर डॉ एन कुमार स्वामी रहे! कुलपति ने बताया की यह एक महत्वपूर्ण कदम है। पर्यावरण स्थायी का अर्थ भविष्य के लिए अनवीकरणीय ऊर्जा को बचाकर देश को विकसित करना है! संस्था के कुल सचिव ने बताया की विकास के लिए पर्यावरणीय स्थिरता विकास, स्थायी पर्यावरण विकास, पर्यावरण संरक्षण विकास. स्थिर पर्यावरण विकास हमें पर्यावरण स्थायी विकास के लिए काम करना चाहिए।सरकार ने पर्यावरण स्थायी विकास के लिए नए नियम बनाए।और बताया की शिक्षा में स्थायी विकास, पर्यावरण संरक्षण, हरित ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण शिक्षा पर विशेष चर्चा किए! पैनल डिस्कशन प्रोग्राम में विश्वविद्यालय के विद्यार्थी ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। महाविद्यालय के विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों को समूह में वर्गीकृत किया गया था और प्रत्येक समूह को सस्टेनेबल डेवलपमेंट से संबंधित विषय दिए गए थे उक्त विषय पर सभी विद्यार्थी ने अपने विचार व्यक्त किया और पर्यावरण को बचाने तथा संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करने के लिए अपने सुझाव रणनीति कार्य योजना इत्यादि प्रस्तुत किया! विद्यार्थियों ने कचरे प्रबंधन रणनीतियों में बताया कि जमीन भरने का काम करके अपशिष्ट प्रबंधन किया जाए, इन्होने बताया कि घरेलु कचरे को कैसे जैविक खाद के रूप में बनाया जा सकता है। जल संरक्षण के अंतर्गत पानी को बचाने की नई तकनीक बताया गया घर में जल प्रबंधन की रणनीति को बताया गया! सतत कृषि के अंतर्गत बताया गया है कि पहले की कृषि पद्धति और अभी की कृषि पद्धति में बहुत अंतर है और इसके कारण से उत्पादन में कई गुणा वृद्धि हुआ है! प्लास्टिक प्रदूषण में बताया कि प्लास्टिक कितना हानिकारक है हमारी पर्यावरण के लिए और प्लास्टिक के कितने विकल्प हमारे यहां उपस्थित है! सतत शहरी विकास में हमारे शहरों के विकास के बारे में बताया! पर्यावरण की वकालत में युवाओं का नियम, अंतर्गत बताया गया कि लोगों को जागरूक रखना बहुत जरूरी है ताकि हम पर्यावरण को बचाते हुए, विकसित देश बना सकें! इसके बाद विज्ञान संकाय के विभागाध्यक्ष डा. पूनम वर्मा ने कार्यक्रम के मुख्य बिंदु पर फोकस किया! कार्यक्रम में भाग लिये विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट दिया गया तथा अंत में कार्यक्रम समन्वयक लुकेश्वर कुमार साहु ने राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा की!उक्त कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य संसाधनों का समुचित उपयोग के लिए नवीन नीतियों का निर्धारण करना था यह कार्यक्रम साइंस क्लब के तत्वाधान में किया गया

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *