- प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा स्थापित करने के पूर्व अपने निर्वाचन क्षेत्र पाटन मुख्यालय की प्रतिमा स्थल पर ध्यान देवें
पाटन। भाजपा नेत्री एव सदस्य जिला पंचायत दुर्ग श्रीमती हर्षा लोकमनी चन्द्राकर ने एक विज्ञप्ति जारी कर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल पर आरोप लगाया है की मुख्यमंत्री केवल छत्तीसगढ़िया होने का दिखावा करते है। छत्तीसगढ़ के भोले भाले, सीधे साधे लोगो की भावनाओं के साथ सबसे ज्यादा अगर किसी ने खिलवाड़ किया है तो वो भुपेश बघेल ही है। छत्तीसगढ़ के हिस्से की तीन राज्यसभा की सीट जिस पर छत्तीसगढ़ के लोगो का अधिकार था इन्होनें छीनकर केटीएस तुलसी, राजीव शुक्ला, रंजीत रंजन को दे दिए जिसमे एक भी छत्तीसगढ़िया नही है और वो सभी राज्यसभा सांसद बनने के बाद कभी छत्तीसगढ़ की और को पलट कर नही देखे।
उन्होंने आगे कहा की छत्तीसगढ़िया का ढोंग करते हुए एक और जहां छत्तीसगढ़ के हर जिला में छत्तीसगढ़ महतारी के प्रतिमा लगाने की बात करते है वहीं दूसरी ओर उनके खुद के निर्वाचन क्षेत्र के मुख्यालय पाटन के हृदय स्थल जहां अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय भी है।छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा लगी हुई है।जिसकी साफ सफाई पर किसी प्रशासनिक अधिकारी व जन प्रतिनिधि का ध्यान नही है। पूरे प्रदेश मे एक नवंबर को राज्योत्सव मनाया गया करोड़ो रूपये खर्च कर दिया गया परंतु किसी भी कांग्रेसी नेता ने पाटन स्थित प्रतिमा स्थल की ओर झांक कर भी नही देखा, न साफ सफाई की गई न ही छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। आखिरकार भाजपाइयों ने प्रतिमा स्थल की सफाई की और माता की प्रतिमा में माल्यार्पण भी किया। जो भूपेश सरकार की कथनी और करनी में अंतर को उजागर करता है। देश भर में हमारा छत्तीसगढ़ एक मात्र प्रदेश है जिसे महतारी कहकर संबोधन और सम्मान दिया जाता है,तो छत्तीसगढ़ की मातृशक्ति का सम्मान भूपेश सरकार क्यों नही करती।प्रदेश भर की माताओं की एक ही मांग थी शराब बंदी किंतु चुनाव में गंगा जल लेकर वादा करने के बाद भी सरकार बनते ही पूरे प्रदेश में शराबबंदी करेंगे का वादा भूल गए ? और कई नई दुकानें खुल गई, शराब की घर पहुंच सेवा भी शुरू कर दी गई, माता बहनो के साथ अत्याचार बढ़ गया, छेड़छाड़, बलात्कार की घटनाएं आम हो गई, चोरी डकैती, लूट,हत्याए बढ़ गई, क्या इन माता बहनों के साथ की गई वादा खिलाफी छत्तीसगढ़ महतारी की अपमान नही है।
उन्होंने आरोप लगाया की छत्तीसगढ़ की माता बहनों का सबसे बड़ा त्यौहार तीजा होता है जब सरकार को छुट्टी घोषित करना था तो पहले छठ पूजा की छुट्टी घोषित किया जाता है बाद में जब प्रदेश की माताएं दबाव बनाती है तब तीजा की छुट्टी घोषित की जाती है ,क्या ये छत्तीसगढ़िया माता बहनों का अपमान नही था। ऐसे ही अनेक घटनाएं है जिससे ये प्रतीत होता है कि मुख्यमंत्री भुपेश बघेल किस प्रकार के छत्तीसगढ़िया है ।यहां एक कहावत चरितार्थ होती है की कथनी और करनी में अंतर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस कहावत को पूरी तरह से चरितार्थ करते है। चुनाव को एक साल बचा है प्रदेश की माता बहने हर वादा खिलाफी का जवाब अपने मतो के माध्यम से देगी और भूपेश सरकार को सत्ता से बाहर करने में कोई कसर नही छोड़ेगी।