खबर हेमंत तिवारी
छुरा/ अपने स्वजन और परिजनों को खोने का दुख हर उसे व्यक्ति को होता है।और दुखी परिजन चाहता है की मृत आत्मा की अंतिम संस्कार अच्छा से हो जाए ताकि मृत आत्मा को शांति मिले पर छुरा के मुक्ति धाम की व्यवस्था देखकर परिजनों के मुख से निकल ही जाता है कि यहां भी सरकारी तंत्र की तरह यहां भी वही हाल है।जहा जरूरी सुविधा नहीं ।
ऐसा ही कुछ हाल नगर पंचायत छुरा के मुक्तिधाम मैं देखने को मिला जहां परिजनों के पीने के लिए पानी की व्यवस्था नहीं साथ ही पास खोदे गए बोरवेल के पास बहुत बड़ा गड्ढा हो गया है। जिससे कभी भी कोई बड़ी घटना घट सकती है शायद जिम्मेदारों की नजर इस पर नहीं पड़ी है तभी वह खतरा बना हुआ है तो वही मुक्तिधाम की बात की जाए तो मुक्तिधाम में पानी की सुविधा नहीं होने पीने के पानी की का व्वस्था खुद को करना पड़ता है।अपने परिजनों को अंतिम मुखाग्नि देने जब दुखी परिजन आते हैं तो उन्हें पीने एवं अन्य कार्यों के लिए पानी की जरूरत होती है ऐसे में या तो वह अपने घरों से लाते है।या खरीद कर पाउच या बोतल या फिर नदी से ।।
जानकार बताते हैं कि नगर पंचायत छुरा के मुक्तिधाम अंतर्गत लगभग पांच बोर है जिसमें एक भी बोर चालू नहीं है ।टंकी से पाइप टूटा-फुटा पाइपलाइन ऐसी ही बिखरा पड़ा है कुछ लोग बताते हैं कि बिजली बिल का भुगतान नहीं होने की वजह से कनेक्शन काट दिया गया है। जिस वजह से यह स्थिति निर्मित हुई है नगर पंचायत में लाखों का बजट आता है पर जरूरी चीज में सुविधा का आभाव होने की वजह से यह स्थिति बना हुआ है। इसमें जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और जिम्मेदार अधिकारी की जिम्मेदारी का पता इसी बात से होता है कि वह कितने अपने कार्य और जरूरी चीजों के लिए अपनी जिम्मेदारी कितनी निभा रहे हैं।
तो मुक्तिधाम के बाहर खोदा गया बोरवेल कभी किसी बड़ी घटना को निमंत्रण दे रहा है। चाहे वह इंसान हो जंगली जानवर हो या फिर पालतू मवेशी। इस गड्डे में आकर गिर सकता है।और बड़ी अनहोनी घट सकती है।