भूले बिसरे गीत “मया पिरीत” का शिकसा ने किया आयोजन

शिक्षक कला व साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ ने कला व संस्कृति के संर्वधन हेतु विलुप्त हो रहे छत्तीसगढ़ी गीतों को पुनः स्मरण करने व पहचान दिलाने माघी पूर्णिमा के अवसर पर” छत्तीसगढ़ी भूले बिसरे गीत “मया पिरीत” का आयोजन संयोजक डॉ.शिवनारायण देवांगन “आस” के संयोजन विजय प्रधान कार्यक्रम प्रभारी के उपस्थिति तथा टीकाराम सारथी”हसमुख” प्राचार्य चुरतेली के अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना बुधनी अजय प्रधान पाठक डुरूमगढ बिलाईगढ़ तथा राजगीत संध्या पाठक सहा.शिक्षक सेक्टर 04 भिलाई दुर्ग ने प्रस्तुत कर किया। सर्वप्रथम संस्थापक व संयोजक डॉ.शिवनारायण देवांगन “आस” ने बताया कि हमारे गीतकारों ने अच्छे अच्छे गीत लिखकर चले गये है जिसे बचाना व संर्वधन करना हमारा कर्तव्य है और हम उसे बचाने निरंतर प्रयासरत है इसलिए समय-समय पर भूले बिसरे गीतों का आयोजन करते आ रहे है। तदपश्चात प्रांताध्यक्ष कौशलेंद्र पटेल,महासचिव डाॅ.बोधीराम साहू, कोषाध्यक्ष महेत्तर लाल देवांगन, संगठन मंत्री-राधेश्याम कंवर एवं कार्यक्रम प्रभारी विजय कुमार प्रधान ने अपने उदबोधन में बताया कि शिकसा संस्था ही एक ऐसा है जहा सभी पर्व व त्योहार का ध्यान रखा जाता है निरंतर 04 साल से कार्यक्रम आयोजित करते आ रहे है। कार्यक्रम के अध्यक्ष टीकाराम सारथी”हसमुख” ने बताया कि शिकसा संस्था न होकर एक परिवार के रूप में अपनी पहचान बनाई है जिसमें सभी के प्रतिभा का पूरा सम्मान किया जाता है अंत में गीत सुनाकर मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम में शिव कुमार निर्मलकर शिक्षक नारधा धमधा दुर्ग, पूर्णिमा तिवारी शिक्षिका सकरी बिलासपुर, तारा बन्छोर प्रधान पाठक इन्दिरा नगर चरोदा दुर्ग, हेमराज निषाद व्याख्याता बसना महासमुन्द, शिवकुमार अंगारे सेवानिवृत्त शिक्षक बंगला मटिया बालोद, हेमा चन्द्रवंशी प्रधान पाठिका शहीद वीर नारायण सिंह नगर खुर्सीपार भिलाई, रामकुमार पटेल व्याख्याता मचखंडा सीपत बिलासपुर, ओ.पी.कौशिक “रतनपुरिहा” प्रधान पाठक कुड़क ई वि.खं. पेड्रा, शकुंतला सहंश सहा. शिक्षक पतरापाली पूर्व रायगढ़, लक्ष्मीनारायण क्षत्री व्याख्याता परसदाखुर्द सक्ती, डाॅ.प्रमोद आदित्य प्राचार्य सिवनी चांपा जांजगीर , मोहित कुमार शर्मा-शिक्षक परसदा पाटन दुर्ग, ममता डहरिया शिक्षक जांजगीर आदि ने पुराने गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का सफल संचालन देवप्रसाद पात्रे प्रधान पाठक सिल्ली मुंगेली व राधेश्याम कंवर व्याख्याता पीथमपुर तथा आभार प्रदर्शन डॉ.शिवनारायण देवांगन”आस” संयोजक ने किया।

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