- अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने थाना गरियाबंद के मामले में सुनाया फैसला ।
गरियाबंद(लोकेश्वर सिन्हा)। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने हत्या करने की कोशिश के एक मामले में आरोपी के विरुद्ध दोषसिद्ध होने पर सजा सुनाई है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश तजेश्वरी देवी देवांगन द्वारा 21 फरवरी बुधवार को आरोपी राधेलाल ध्रुव, पिता-दुखे सिंह ध्रुव उम्र 42 वर्ष, साकिन-भुटेंगा नवापारा, थाना–गरियाबंद, जिला- गरियाबंद को आहत गोकुल राम कुंजाम को टंगिया से मारकर गंभीर चोट पहुंचाने वाले आरोपी को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वारा धारा 307 भा.दं. संहिता में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2,000/रु के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।
मामला थाना गरियाबंद की है। आहत गोकुल राम कुंजाम के पुत्र श्रवण कुमार कुंजाम ने थाना गरियाबंद में सूचना दर्ज कराया था कि घटना दिनांक 18.01. 2022 के रात्रि लगभग 11-12 बजे उनके पिता जी गोकुल राम अपने निर्माणाधीन मकान में सो रहे थे, उसी समय आरोपी राधेलाल ध्रुव जो कि आहत गोकुल राम के दामाद है। उनके पिता की हत्या करने के आशय से टंगिया से सीना चेहरे में प्राण घातक हमला कर गंभीर चोट पहुंचाया और घटना स्थल से फरार हो गया। आहत के पुत्र ने प्राथमिक उपचार हेतु जिला अस्पताल गरियाबंद लेकर आए थे। आहत की गंभीर स्थिति को देखते हुए उचित उपचार हेतु रायपुर रिफर किया गया था। आरोपी के विरूद्ध धारा 307 भा०दं० संहिता के तहत अपराध पंजीबद्ध कर पुलिस थाना गरियाबंद द्वारा विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान आरोपी का मेमोरेण्डम कथन लेखबद्ध कर सम्पूर्ण विवेचना पश्चात मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गरियाबंद के समक्ष अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था। उक्त प्रकरण अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश तजेश्वरी देवी देवांगन के न्यायालय में उपार्पण पर प्राप्त होने पर प्रकरण की कार्यवाही प्रारंभ हुई। उक्त प्रकरण में अभियोजन द्वारा अपने पक्ष समर्थन में कुल 13 साक्षियों का कथन कराया गया। प्रकरण में आरोपी के मेमोरेण्डम कथन के आधार पर एक टंगिया गवाहों के समक्ष जप्त किया था। प्रकरण में आए साक्ष्य के आधार पर तजेश्वरी देवी देवागंन, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वारा आरोपी राधेलाल ध्रुव को धारा 307 भा०दं०संहिता के तहत आरोप सिद्ध पाए जाने पर 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2,000/ रु के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से जनक राम साहू अतिरिक्त लोक अभियोजक द्वारा पैरवी की गई है।