चक्रवात तूफान मिचौंग ने बढ़ाई किसानों की चिंता, दलहन तिलहन चना की फसलों का हुआ भारी नुकसान __किसानो ने की मुवावजा की मांग,,

खबर हेमंत तिवार_राजिम( पांडुका) / बीते 3 दिनो से हो रही बेमौसम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है।अंचल के किसान ऐसे भी कृषि विभाग की कार्यप्रणाली से नाखुश हैं। जिसमें ग्राम सेवक और कृषि मित्र द्वारा किसानों को बीज वितरण सहित

किसी प्रकार की कृषि विभाग की योजनाओं का जानकारी नही मिलता छुरा स्थित वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी का कार्यालय केवल शो फिश बना हुआ है। पर कृषि विभाग की माने तो 1 पर्ची में 30 किलो वितरण किया गया है।रजनकटा,खट्टी में 50 हेक्टेयर में निशुल्क बीज वितरण किया गया है।और जो जरूरत मंद को 30 किलो 1100 सौ रुपए प्रति बोरी के हिसाब से दिया गया है। पर यहां के कुछ किसानों ने चना, दलहन, तिलहन की फसल अपनी अपनी व्यवस्था से बीज खरीदकर लगाई तो बेमौसम बारिश ने कहर् ढा दिया । मिचौंग तूफान की कहर से लगातार दो तीन दिन से हो रही बारिश की वजह से खेतो मे पानी भर गया है किसान चिंतित है ऐसे में पांडुका क्षेत्र के किसान, अब मुआवजे की मांग कर रहे हैं क्योंकि बारिश की वजह से उनके दलहन की

फसले सड़ जाएगी और चना मे जो फूल, फल लग चूका था ओ बारिश मे झड़ कर गिर गया है। ऐसे मे किसान सर पकड़ कर बैठ गया है कृषि विभाग द्वारा बीज वितरण में ऐसे भी किसानो को नाखुश करते आ रहें हैं। हर साल की तरह इस साल भी बीज वितरण में भाई भतीजा वाद और अपने लोगों को बीज वितरण किया गया है जबकि जरूरतमंद किसानों को हर साल बीज नहीं मिलता और कुछ कृषि मित्रों एवं ग्राम सेवकों के द्वारा अपने चिन्हांकित लोगों को ही लाभ पहुंचाया जाता है जैसे तैसे किसान स्वय की लागत से अब बीज बोकर जब फसल लगा ही लिये तो मौसम की मार ने किसानों को मायूस कर दिया। रजनकटा पांडुका अंचल के किसान भाइयों ने बताया जिसमे दानी राम साहू, दौलत राम, खरक राम साहू, चेतन साहू, पुरुषोत्तम साहू, ऋषि साहू, भगत राम साहू, प्रभात साहू, लखन, सेवक, रूपू, छगन्, योगेश, विजय, हेमलाल, डोमन आदि 100 एकड़ से ज्यादा मे चना का फसल लगाय है।जिसमे फूल चालू हो गया था तथा कही कही फल भी गया था।बारिश का पानी खेत मे रुक जाने से फसल बीज सड जायेगा फुल भी झड़ गया, फल लग रहा था। उसमे दाना नही आयेगा किसानो ने बताए की कृषि विस्तार अधिकारी सरोज केंवट आये थे बीमा कराने बोले है। साथ ही बीमा वालो को भेजूंगी बोली है। इस बार इस फसल में हमें लागत प्रति एकड़ 50 किलो बीज 200 रूपय किलो के हिसाब से,4 बार जोताई दवाई,खाद पानी सहित 25 हजार से 30 हजार प्रति एकड़ लागत लगा है। अगर हमे मुआवजा नहीं मिला तो हम बरबाद हो जायेंगे इस लिए हम शासन प्रशासन से मुवावाजा की मांग कर रहे हैं।________________________वही इस बारे में वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी छुरा एन भाई __ने बताए की किसानो को दो योजनाओं के तहत बीज वितरण किया गया है।साथ ही 31 दिसंबर तक बीमा कराना है ।मैं पता लगाया हु खेतो में पानी उतना नहीं भरा है। फसल बचने की चांस है।नियमानुसार बीमा दिया जाएगा।

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