दंतेल हाथी की आमद से किसानो की बढ़ी चिंताआज रात पाण्डुका परिक्षेत्र में आने की संभावना,,

खबर हेमंत तिवारी पांडुका /वन परिक्षेत्र पांडुका के जंगल में इन दोनों फिर एक बार दंतेल हाथी का आगमन होने वाला है। यह हाथी जिसका नाम ma1 बताया जा रहा है जो काफी आक्रामक और खतरनाक है ।और कई लोगों को मौत के घाट उतार चुका है वर्तमान समय में वह फिंगेश्वर रेंज के जोगी डिपा, गनियारी जंगल के आसपास बताई जा रहा है जो आज रात्रि शायद पांडुका परिक्षेत्र के फूलझर ,मुरमुरा के झरझरा मंदिर की तरफ आ सकता है। और चिंता की बात यह है कि वन विभाग के दामाद बने गुजराती भीड़ बकरी वाले इन दिनों वन परिक्षेत्र पांडुका के घने जंगलों में घुम घूमकर जंगल को बरबाद कर अवैध चराई करा रहे है।जो हर साल की तरह हजारों पशुओं के साथ डेरा डाले हुए हैं और कुछ दिन पहले इन्हें झरझरा मंदिर के आसपास होना बताया जा रहा था। जो लगभग 25 तंबू लगा के रह रहे थे।बता दे की यह मंदिर वाल रास्ता हाथीयो का आम रास्ता है । कुछ सालो से हाथी इसी रास्ते से आना-जाना करते हैं ।ऐसे में वन विभाग या वन परक्षेत्र कार्यालय पांडुका के अधिकारी कर्मचारी अपने इस गुजराती दामाद को सूचना दिए हैं कि नहीं दिए हैं। क्योंकि अगर हाथी पहुंच जाता है तो वह बहुत ज्यादा नुकसान करेगा अवैध रूप से चराई कर रहे हैं और जंगल में तंबू गाड़ कर हजारों की संख्या में भेड़, बकरी, ऊंट घोड़े लेकर बैठे हुए हैं और इनके साथ महिलाए और बच्चे भी शामिल है। अगर गांव होता तो कही भी पनाह ले लेते पर जंगल में खतरनाक हाथी से बचना संभव नही है। अगर कोई अप्रिय घटना हो जाती है तो इस घटना की जिम्मेदारी किसकी होगी वन विभाग की या इन गुजराती भेड़ बकरी वाले की,,और भगवान ना करे कल बीच कुछ घटना घटित हो गई तो वन विभाग कितने को मुआवजा बंटेगी क्यों की ये लोग यहां के मूल निवासी भी नही है। तो फिर ऐसे में वन विभाग मुआवजा बांटते बांटते थक जायेंगे । वन परिक्षेत्र के अधिकारी कर्मचारी चाहिए था की इन्हे अपने सुरक्षित वाले जंगल को दे देते पर नहीं अपने किस निजी स्वार्थ के लिए इन लोगों को हर साल अवैध चराई के खुली छूट देते है। जो पूरे वन मंडल गरियाबंद के विभिन्न परिक्षेत्र घूम घूम कर जंगलों का सत्यानाश कर रहे हैं और जंगल में पनप रहे छोटे छोटे पौधे को पेड़ बनने से पहले ही इनके भेड़ बकरी चट कर जाते है।हाला की ये दंतेल हाथी रात को किधर भी जा सकता है। ये क्लियर नहीं है।पर अभी तक देखा गया है कि यह रूट हाथियों का आम रास्ता की तरह है। अभी तक जब भी हाथी आय गय तो अधिकतर इन्ही रास्तों से ।बता दे की यह दंतेल हाथी की आज रात को पांडुका परिक्षेत्र पहुंचने की संभावना जता रहे है ।और वन विभाग द्वारा लोगो को अलर्ट जारी कर रहे है । पर हमेशा की तरह मुरमुरा जंगल के झरझरा मंदिर के पास से आते जाते ये हाथी जो तौरंगा कुम्हरमरा ,सांकरा होते हुए विजयनगर ,नागझर, बोडरा बांधा, पोंड होते हुए कुगदा पैरी नदी की ओर होते हुए धमतरी।जिला चला जाता है। जहां इसका बाकी साथी विचरण कर रहे हैं। इस बीच किसानो की खेतो की दुर्दशा बिगाड़ दिया जाता है पूरी तरह पक कर तैयार धान की फसल लहलहा रहे हैं।और ये हाथी आ धमके तो किसानो की चिंता स्वाभाविक है क्यों ये फसल को खाते कम है और रौंदते जायदा है।

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