भिलाई। महिला समृद्धि सम्मेलन को संबोधित करते हुए कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि प्रियंका गांधी वाड्रा ने छत्तीसगढ़ी में सबसे पहले कहा दूर-दूर से दाई दीदी बहिनी मन ल जोहार ! उन्होंने बम्लेश्वरी मईया और छत्तीसगढ़ महतारी की जयकारे के साथ अपने संबोधन की शुरुआत की।
श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा मैंने बचपन में पिट्ठुल, गिल्ली डंडा, और कंचे सभी खेल खेले हैं। देश की उद्यमशीलता और आत्मनिर्भरता के सपने का प्रतीक है।आज जो भिलाई है वो इस पूरे देश के लिए मिसाल है। पूरे देश भर से यहां लोग आते हैं। एकजुट होकर आप यहां रहते हैं। आधुनिक भारत की नींव यहीं पर डली। आपकी मेहनत और आपके जज्बे की यह मिसाल है। देश की उद्यमशीलता का यह प्रतीक है। यहां महिलाओं की इस मीटिंग में खड़े होकर और भी गौरव इसलिए होता है क्योंकि मंच पर आने से पहले जब मैं यहां आई और एक-एक स्टाल देखा।
मैंने आत्मनिर्भर महिलाएं देखी, उनमें आत्मविश्वास था। वे मुस्कुरा रही थीं कि सरकार ने उनके लिए कुछ किया। वे अपने पैरों पर खड़ी हुई हैं। कई बहनों से मैंने यह पूछा कि आप क्या कर रही थीं इससे पहले। सबने कहा कि अभी यह अवसर मिला है।
एक नौजवान डाक्टर हैं गांव गांव जाती हैं दवाओं का वितरण करती हैं। कुछ लड़कियां थी जो गोबर की सामग्री बनाती हैं स्वसहायता समूहों से जुड़ी हैं।
समूह से जुड़ने से कितनी अपनी तरक्की हो सकती है। यह सब सुनकर मुझे महसूस हुआ कि छत्तीसगढ़ महतारी के हाथ में संस्कृति का कलश है औऱ दूसरे हाथ में तकनीक है।गर्व इसलिए होता है कि भिलाई को लें या या यहां के कार्यों को देखें तो यह अलग तरह का काम है।
पंडित जवाहरलाल नेहरू के साथ ऐसे महापुरुष थे जो आजादी के लिए लड़े। उन्हीं के उसूलों से यह देश लड़ा। मैं अपने पिता जी के साथ अमेठी के दौरे पर गई थी। वे खुद जीप चलाते गये। एक गांव में हम उतरे, कुछ लोगों से बातचीत करने लगे। एक महिला उन्हें जोरजोर से डांटने लगी। मुझे लगा कि मेरे पिता को कैसे डांट रही हैं। उसने कहा कि सड़क खराब है तुमने क्या किया है। यह उस समय की राजनीति है कि प्रधानमंत्री को तक एहसास होता था कि जनता के प्रति उसकी जिम्मेदारी है। मैंने अपने पिता से कहा कि बुरा नहीं लगा। मेरे पिता ने कहा कि नहीं उसका कर्तव्य था और मेरा भी कर्तव्य है कि हम सब अपने अपने काम करें।
महिलाओं के लिए जितनी भी योजनाएं लाई हैं। यह ध्यान में रखकर लाई गई हैं कि वे इस देश की रीढ़ की हड्डी है। वे समाज का, परिवार का पूरा बोझ उठाती हैं।
मुख्यमंत्री जी खुद कह रहे थे कि घर परिवार दोनों की जिम्मेदारी आप निभा रही हैं। मैं जानती हूँ कि जो रात को आखिर में सोती हैं वो महिला हैं। जो हमारी संस्कृति है, उसूल है, हमारी अगली पीढ़ी का भविष्य महिलाएं बनाती हैं।
आप सभी को सशक्त बनाने के लिए भूपेश बघेल की सरकार ने अनेक योजनाएं बनाईं। 10 लाख से अधिक महिलाएं समूहों से जुड़ी। उन्होंने उद्यम शुरू किया। अपने घर के लिए कुछ खरीदा। अपने उद्यम के लिए कुछ खरीदा। फिर इसके माध्यम से और उद्यम लाई।आज उनसे मिली, वे मुझसे कह रही थीं कि कुछ समूह ऐसे हैं जिन्होंने लाखों रुपए कमाये हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका का मानदेय भी उन्होंने बढ़ाया। मितानिन बहनों का भी मानदेय बढ़ाया।दाई दीदी क्लिनिक आरंभ किया। आज निःशुल्क इलाज हो रहा है। महतारी जतन योजना एक ऐसी योजना है जिससे गर्भवती माताओं को अच्छा भोजन मिल रहा है। महिला स्वसहायता समूहों के करोड़ों रुपये के ऋण माफ किये गये।
मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना से बड़ी मदद दी गई।
मिशन क्लीन सिटी परियोजना के तहत हजारों महिलाएं कार्यरत हुईं। ऐसी कई योजनाएं प्रदेश सरकार ने मेरी बहनों के लिए लागू की।यह सब इसलिए हो रहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार का आपके लिए विजन है। वे आपके आज और कल दोनों को बुलंद बनाना चाहते हैं।
छत्तीसगढ़ में नेतृत्व सेवाभावी है। वे आप सभी की भलाई के लिए काम कर रहे हैं।आज बहुत महंगाई है। उससे कुछ हद तक छत्तीसगढ़ की जनता बच रही है। आजकल महंगाई इतनी बढ़ गई है कि आप पर बोझ बढ़ गया है।जब घर पर किसी तरह की विपत्ति आती है तो घबराहट होती है। इस बीच छत्तीसगढ़ की सरकार ने आपकी राहत के लिए और आपकी मदद के लिए बहुत से काम किये हैं।
आज छत्तीसगढ़ का किसान बहुत खुश है। खेती उसके लिए लाभ का जरिया बन गया गया है। छत्तीसगढ़ में ही खेती करने वाले लोग बढ़ रहे हैं।धान की सबसे ज्यादा कीमत राजीव गांधी किसान न्याय योजना की वजह से यहीं मिल रही है।मिलेट जिसके बारे में कभी किसी ने सुना ही नहीं होगा, उसका कितना लाभ मिल रहा है। आपके प्रदेश का सम्मान हर रोज बढ़ रहा है।
आवारा पशुओं की समस्या देश में हर जगह है। पूरी रात महिलाओं को अपने खेतों की रखवाली करनी पड़ती है। यहां गौठानों की वजह से यह समस्या हल हुई है।मैं हर जगह कहती हूँ कि छत्तीसगढ़ माडल में यह समस्या हल होती है। सरकार आते ही किसानों का कर्जमाफ हुआ। 5 लाख से अधिक वन पट्टे दिये गये। लाखों बीपीएल परिवारों का पांच लाख तक निःशुल्क इलाज हुआ है। कमजोर वर्ग के बच्चों को आधुनिक शिक्षा मिल रही है।