रिमोट सेंसिंग एन्ड जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सात दिवसीय वर्कशाप का समापन समारोह

रायपुर,,,,,प्शासकीय दूधाधारी बजरंग महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय के भूगोल विभाग में उच्च शिक्षा एवं छत्तीसगढ़ काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के सहयोग से चल रहे सात दिवसीय “रिमोट सेंसिंग एण्ड जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन के समापन समारोह में मुख्य अतिथि डॉ. एम. पी. गुप्ता सेवानिवृत्त प्राध्यापक सोशल स्टडीज़ ऑफ जियोग्राफी पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर ने कहा-रिमोट सेंसिंग और GIS जब पाठ्यक्रम में आया तब जिन्होंने इस पर वर्कशॉप किया था उन्हें एक साथ बुलाकर छात्र-छात्राओं के बीच मे बातचीत कराया ताकि विषय को परिभाषित किया जा सके। विशेष अतिथि डॉ. उमा गोले प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष सोशल स्टडीज जियोग्राफी पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर ने कहा -GIS के सात

दिवसीय कार्यशाला में बताया गया कि,यह कार्यक्रम सामाजिक, आर्थिक आधार पर हमें लाभ प्रदान कर सकता है। रिमोट सेंसिंग का एक नया आयाम नेचरल रिसोर्स की पहचान करने के लिए किया गया।रिमोट सेंसिंग का उपयोग कृषि, भूगोल, सिटी प्लानिंग, डेटा प्रोसेसिंग के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है। 1980के दशक में हेल्थ एवं एजुकेशन में GIS को शासकीय संस्थाओं में प्रयोग के लिए 21वी शताब्दी में एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में इसका प्रयोग किया जा रहा है।महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. किरण गजपाल ने रिमोट सेंसिंग एण्ड जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम की सफलता के लिए सभी 85 प्रतिभागियों को बधाई दी। साथ ही इस कार्यक्रम को आधुनिकता की अनिवार्यता बताया। डॉ. उषाकिरण अग्रवाल आई क्यू ए सी प्रभारी ने बताया कि एस. बी. आई. ने एक समय का लंच उपलब्ध कराया उनको धन्यवाद प्रेषित किया । उनका101वां वर्कशॉप है बताया।कार्यक्रम की संयोजक डॉ. प्रीति बाला जायसवाल ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। सह-संयोजक डॉ. कल्पना लांबे, विभागाध्यक्ष डॉ. शीला श्रीधर ,डॉ. कल्याण रवि सदस्य के रूप में कार्यक्रम को गति प्रदान की। सात दिवसीय वर्कशॉप में डॉ. गीता रॉय ने रिमोट सेंसिंग एवं GIS के संबंध में विस्तार से बताया सम्पूर्ण मानचित्र को स्थलाकृतिक मानचित्र को AसेX तक अध्ययन की दृष्टि से बांटा गया है। डॉ. एन. के. बाघमार ने सुदूर संवेदन के बारे में विस्तार से बताया। डॉ. टिशा डे ने भौगोलिक सूचना प्रणाली के आधारभूत क्रियाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। डॉ. एम. एल. देवांगन ,डॉ. पूर्णिमा शुक्ला ने क्यू. जी.एस. सॉफ्टवेयर के माध्यम से जियोरिफसेन्सिंग तकनीक के बारे में जानकारी दी। डॉ. एम. के.बेग ,डॉ. अनुराग दीवान, आशीष जोशी ने रिमोट सेंसिंग के सम्बंध में विस्तृत जानकारी दी। डॉ. प्रशांत कवीश्वर ने व्याख्यान के प्रारंभ से लेकर सत्र समाप्ति तक पूरे वातावरण को खुशनुमा बनाये रखा। जो अध्ययन को रुचिकर बनाने में सहयोगी रहा। प्रतिभगियों द्वारा फीडबैक दिया गया एवं सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक उपस्थित थे। अतिथियों को शॉल एवं मोमेंटो द्वारा सम्मानित किया गया।कार्यक्रम का संचालन डॉ. कल्पना मिश्रा व आभार प्रदर्शन डॉ. कल्पना लांबे ने किया।

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