देश को एकता के सूत्र में पिरोने में हमारी राजभाषा हिंदी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है । आजादी के दो वर्ष उपरांत 14 सितंबर 1949 को भारतीय संविधान ने हिंदी को आधिकारिक राजभाषा का दर्जा दिया । इस निर्णय के बाद से प्रत्येक वर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रुप में मनाया जाता है। हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में 14 सितंबर को शासकीय नवीन महाविद्यालय रिसाली दुर्ग छ. ग. के हिंदी विभाग द्वारा डॉ.पूजा पांडेय के संयोजन में और महाविद्यालय की आदरणीय प्राचार्य डॉ.नागरत्ना गनवीर की अध्यक्षता में हिंदी दिवस वैश्विक धरातल पर हिंदी का उभरता स्वरूप कार्यक्रम का अयोजन किया गया। जिसमे विभिन्न प्रतियोगिताओं जैसे भाषण प्रतियोगिता, कविता पाठ ,निबंध लेखन, पोस्टर मेकिंग आदि कराए गए। बच्चों ने कार्यक्रम के विषय पर केंद्रित सुंदर भाषण कविता पाठ, निबंध लेखन और पोस्टर बनाए। साथ ही साक्षरता दिवस जो कि प्रत्येक वर्ष सितंबर माह में 8 तारीख को मनाया जाता है के कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया ।जिसके अंतर्गत बच्चों को साक्षरता के प्रति जागरूक करने के लिए व्याख्यान माला का आयोजन किया गया ।बच्चों को जागरूक करने हेतु प्राचार्य सहित निवेदिता मुखर्जी, डॉ. पूजा पांडेय ,डॉ. ममता डॉ. रीतू श्रीवास्तव द्वारा व्याख्यान दिए गए ।महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. नागरत्ना गनवीर ने बच्चों को संबोधित करते हुए उन्हें हिंदी दिवस एवं विश्व साक्षरता दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दिया ।हिंदी और विश्व साक्षरता दिवस के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने अपनी भाषा और शिक्षा दोनों के महत्व को समझाया ।उन्होंने बच्चों को अपनी मातृभाषा से प्रेम और जीवन में सफल होने हेतु शिक्षित होने का महत्व बताया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस प्रकार प्राचार्य सहित वरिष्ठ प्राध्यापक निवेदिता मुखर्जी, डॉ.रीतू श्रीवास्तव ,डॉ.ममता एवं छात्र छात्राओं की उपस्थिति ने कार्यक्रम को सफल बनाया।
हिंदी दिवस के पूर्व संध्या पर वैश्विक धरातल पर हिंदी का उभरता स्वरूप कार्यक्रम का अयोजन किया गया।,,रिसाली महाविद्यालय का आयोजन,,
