उतई ।छत्तीसगढ़ का पारंपरिक लोक पर्व पोला तिहार 14 सितंबर को मनाया जाएगा। भाद्रपद मास की अमावस्या को मनाया जाने वाला यह त्योहार, निंदाई कोड़ाई पूरा होने के साथ फसलों के बढ़ने की खुशी में मनाया जाता है। जिसके लिए उतई नगर में आसपास के गांवों से आए खिलौनों से बाजार सज गया है। बाजार में दर्जनों कुम्हार विभिन्न प्रकार के खिलौने लेकर पहुंचे हैं। इस पर्व पर मिट्टी से बने बैल की पूजा अर्चना की जाती है।मिट्टी से बने बैल के साथ पोला-जाता के खिलौने की भी पूजा की जाती है। बाजार में पर्व के चलते लोगों ने खरीदारी शुरू कर दी है। यह त्योहार छत्तीसगढ़ के अलावा, बैल पोला त्योहार महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे राज्यों में उत्साहपूर्वक मनाया जाता है।
अंचल में आज भी होती है बैल दौड़ प्रतियोगिता-
छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान प्रदेश माना जाता है, इसलिए यह पर्व यहां खास तौर पर मनाने की पुरानी परंपरा है। पोला पर्व पर किसान अपने बैलों को नहला धुलाकर सजा-संवार कर पूजा अर्चना करते है। इसके बाद गांव के बाहर मैदान में लाते हैं, जहां बैलों की दौड़ होती है। ग्रामीण अंचलों के कई स्थानों पर यह परंपरा आज भी जीवित है।