हेमंत तिवारी कें कलम से,,
राजिम (पाण्डुका)/छत्तीसगढ़ में भाद्रपद अमावस्या को मनाया जाने वाला पोला पर्व आज अंचल में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। जिसमें बालक नंदिया बैला को सजाकर गली गली घुमायेंगे वहीं बालिकाएं घर गृहस्थी का अनुभव चुकी पाना और घरगुंदिया खेलकर इस पर्व का उत्साह बढ़ाएंगी।कृषि प्रधान इस पर्व पर

गृहणी की रसोई सामाग्री जो मिट्टी द्वारा निर्मित बर्तनों और मिट्टी के बने बैल जिसे नंदिया बैला कहा गया है को घर घर पूजा अर्चना कर छत्तीसगढ़ी व्यंजन सोंहारी बरा खुरमी अरसा चीला आदि का भोग लगाया जाता है तदुपरांत बालिकाएं गांव के गुड़ी चौपाल में एकत्रित होकर घरगुंदिया का खेल दौरान भावी जीवन में सफल गृहणी का काम सीखने है वही बालक मिट्टी के बने बैलों को सजाकर गली गली चौक चौराहे पर घुमाते हुए आनंद लेते हुए खेती किसानी के कार्यानुभव सीखा करते हैं।आज यह पर्व अंचल के ग्राम पाण्डुका अतरमरा रजनकट्टा कुरुद पंडरीतराई कुटेना कुकदा पोंड पचपेड़ी आसरा मुरमुरा लोहरसी फुलझर गाड़ाघाट खट्टी रजनकट्टा इत्यादि गांवों में धूमधाम से मनाया जाएगा