बेमेतरा ,,,जिले में हुई बारिश ने किसानों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। पानी बरसा तो किसान खुशी से झूम उठे। यह बारिश किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। पिछले कई दिनों से बारिश न होने से किसान बेहद परेशान थे। उनको अपनी फसलों के बर्बाद होने की चिंता सता रही थी। यही दुआ कर रहे थे कि किसी भी तरह पानी बरसा दो। मानसून आने के बाद जिले में खरीफ की बुआई भी हो चुकी है और धान के साथ अन्य फसल भी खेतों में नजर आने लगी लेकिन इधर आसमान से बादल जैसे गायब ही हो गये। प्रचंड गर्मी से लोग बेहाल हुए तो खेतों की फसलें भी मुरझाने लगीं। यह देखकर किसान फिक्रमंद हो गये थे ।अब तक अच्छी बारिश होने से किसानों के चेहरे पर ख़ुशी झलक रही है । किसानो ने खरीफ-2023 में लगभग 90 प्रतिशत बोनी पूरी कर ली है। किसान धान रोपा में व्यस्त हो गए है। हर तरफ़ खेतों में महिलायें रोपा लगाती हुई नज़र आ रही है । धान रोपती महिलायें ख़ुशी के गीत गाती दिखाई देने लगी है । कृषि विभाग द्वारा जिले में तकरीबन 2 लाख 24 हजार हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बोनी करने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य के विरूद्ध अब तक लगभग 2 लाख से अधिक हेक्टेयर में किसानों द्वारा खरीफ मौसम की धानए मक्काए दलहन और तिलहन फसलों की बुआई कुछ शेष है। पिछले साल इस अवधि में बोनी का प्रतिशत कम था। जिले में चालू मानसून के दौरान विगत एक जून से आज 15 जुलाई तक 304 मिलीमीटर औसत वर्षा हो चुकी है। इस दौरान सबसे ज्यादा 148 मिलीमीटर बारिश विकासखंड बेमेतरा में हुई है। जिले में किसानों द्वारा धान रोपाई का काम किया जा रहा है। बेमेतरा ज़िले में सहकारी केन्द्रीय बैंक की ओर से खरीफ फसल 2023.24 के लिए अब तक 83650 किसानों को खेती.किसानी के लिए 343 करोड़ 9 लाख 67 हज़ार रूपए का अल्पकालीन ऋण दिया गया है। इसमें 285 करोड़ 98 लाख 2 हज़ार रूपए नकद और शेष 57 करोड़ 11 लाख 65 हज़ार रुपये वस्तु के रूप में दिया गया है। चालू वर्ष में किसानों को 460 करोड़ के ऋण वितरण का लक्ष्य है। पिछले वर्ष 2022.23 में इसी सीजन में 81853 किसानों को 331 करोड़ 69 लाख 13 हज़ार रूपए का खेती.किसानी के लिए ऋण दिया गया था। इसमें से 257 करोड़ 34 लाख 87 हज़ार रूपए नगद और 56 करोड़ 34 लाख26 हज़ार रूपए वस्तु के रूप में दिया गया था। चालू वर्ष में नये किसानों को भी ऋण दिया गया है।कृषि अधिकारियों ने बताया कि रासायनिक और वर्मी कम्पोस्ट का पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। रासायनिक खाद का भंडारण 77765 टन और 19219 किविंटल बीज का भंडारण है। जिसमें से किसानों ने अब तक लक्ष्य से अधिक 19937 क्विंटल बीजए 63130 टन रासायनिक खाद और का उठाव किया है। साथ ही 22165 क्विं वर्मी कम्पोस्ट का उठाव खरीफ सीजन में किया गया है । रासायनिक खाद उठाव पिछले वर्ष 2022 के मुक़ाबले अधिक है। प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों में मांग के अनुसार किसानों को खाद और बीज शतप्रतिशत उठाव कर लिया है। किसानों के लिए सस्ता कृषि लोन मिल रहा हैए वही खेती में तकनीकी प्रयोग बढ़ानें पर केन्द्र और राज्य सरकार का विशेष जोर है। इसके साथ ही कृषि उपज की लागत कम करने पर भी जोर दिया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा किसानों को उपज का सही मूल्य दिलाने के प्रति वचनबद्ध है। कृषि बीमा योजना से किसानों को राहत भी मिल रही है। प्रभारी उपसंचालक कृषि श्री एमण्डी डडसेना ने बताया कि विभाग की ओर से जिले के किसानों द्वारा विभिन्न खरीफ फसलों के लिए 19937 क्विंटल प्रमाणित बीजों का वितरण किया जा चुका है। इस में स्थानीय बीज विक्रेता भी शामिल है। वहीं 63130 मेट्रिक टन खाद का वितरण किया गया है । लक्ष्य 77765 मेट्रिक टन भंडारण था । साथ ही 22165 क्विं वर्मी कम्पोस्ट का उठाव खरीफ सीजन में किया गया है ।ण् प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों में मांग के अनुसार किसानों को खाद और बीज शतप्रतिशत उठाव कर लिया है। किसानों के लिए सस्ता कृषि लोन मिल रहा हैए वही खेती में तकनीकी प्रयोग बढ़ानें पर केन्द्र और राज्य सरकार का विशेष जोर है। इसके साथ ही कृषि उपज की लागत कम करने पर भी जोर दिया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा किसानों को उपज का सही मूल्य दिलाने के प्रति वचनबद्ध है। कृषि बीमा योजना से किसानों को राहत भी मिल रही है।