- 0 से 5 वर्ष के प्रत्येक बच्चो के लिए ओआरएस के पैकेट बांट रहा विभाग
- पालको को ओआरएस बनाने की विधि व हाथ धोने के 6 चरणों की दे रहे जानकारी
- 20 जून से 4जुलाई तक चलेगा विशेष अभियान
पाटन। छत्तीसगढ़ शासन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा पुरे प्रदेश में 20 जून से 4 जुलाई तक गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा चलाया जा रहा है इसी के तहत पाटन ब्लाक में भी खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ आशीष शर्मा व् खण्ड विस्तार प्रशिक्षण अधिकारी बी एल वर्मा व चंद्रकांता साहू के मार्गदर्शन में गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा चलाया जा रहा है । उप स्वास्थ्य केंद्र फुंडा में पदस्थ आरएचओ बिष्णु प्रसाद देवांगन व संतोषी देवांगन ने इस सम्बन्ध में जानकारी दिया की गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा का मुख्य उद्देश्य समुदाय को व्यक्तिगत स्वच्छता ,सामुदायिक स्वच्छता के लिए प्रेरित करना है साथ ही जिंक और ओआरएस घोल के उपयोग के प्रति जागरूकता लाकर शिशु मृत्यु दर और कुपोषण में कमी लाना है । पखवाड़े के दौरान सभी गांव की मितानीन घर घर जाकर शून्य से 5 वर्ष तक के बच्चे वाले प्रत्येक घर में माता पिता को स्वच्छता के बारे में जानकारी दे रही है तथा हाथ धोने की 6 चरण की जानकारी देकर ओआरएस घोल बनाने की विधि तथा उपयोग की जानकारी दे रही है तथा प्रत्येक 0 से 5 वर्ष तक के बच्चो के लिए ओ आर एस का 1 पैकेट दे रही है साथ ही यदि भ्रमण के दौरान डायरिया से पीड़ित कोई बच्चा मिलता है तो उसे ओ आर एस के साथ साथ जिंक सल्फेट की गोली भी 14 दिनों तक के लिए दिया जा रहा है साथ ही माताओ को शिशु पोषण आहार व्यवहार के बारे में जागरूक कर रही है भ्रमण के दौरान बच्चों में डायरिया के अलावा अन्य लक्षण बुखार विटामिन ए की कमी, पोषण स्तर की जानकारी लेकर उपचार के लिए उप स्वास्थ्य केंद्र जाने का सलाह दे रही है । डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा के तहत स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य संयोजको के द्वारा डायरिया से पीड़ित मरीजों का निर्धारित प्रोटोकॉल प्लान ए ,प्लान बी के अनुसार उपचार किया जा रहा है साथ ही मौसमी बीमारियो मलेरिया ,पीलिया, डायरिया से बचाव के लिए समुदाय में स्वास्थ्य शिक्षा दे रहे है की जिस हैण्डपम्प के पानी का उपयोग कर रहे है उसके आसपास गन्दगी नहीं करना चाहिए तथा पानी को उबालकर पीना चाहिए, कूड़ेदान (घुरवा)को पेयजल स्त्रोतो से कम से कम 100 मीटर की दुरी पर रहना चाहिए क्योंकि हैंडपम्प के पास कूड़े दान होने से बारिश का पानी उसमे भर जाता है तथा दूषित पानी रीस कर हैण्डपम्प में आ जाता है, इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए की घुरवे पेयजल स्त्रोतो से दूर हो, मच्छरों के नियंत्रण के लिए बारिश के पानी को एक जगह रुकने नहीं देना चाहिए मलेरिया के मच्छर गंदे पानी तथा साफ पानी दोनों में पनपते है इसलिए घरो में कूलर के पानी को प्रत्येक सप्ताह बदलना चाहिए, घर के आसपास के गढ्डे तथा नालियो में मिटटी का तेल या जले ऑइल को प्रत्येक सप्ताह छिड़काव करना चाहिए ,पुराने टायरों ,बर्तन आदि में पानी का जमाव नहीं होने देना चाहिए ,सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए ,पुरे आस्तीन का कपड़े पहनना चाहिए, शाम के समय नीम के पत्ते का धुंआ करना चाहिए। चाहिए, नालियो का सफाई सतत रूप से किया जाना चाहिए, इसके अलावा शौच के लिए शौचालय का उपयोग करना चाहिए ,खाना खाने से पहले तथा शौच के बाद हाथो को साबुन से अच्छे से धोना चाहिए,गर्म भोजन करना चाहिए , कुँए का पानी नहीं पीना चाहिए ,तेलीय खाद्य पदार्थो के सेवन से दूर रहना चाहिए, बाहर बाजारों में खुले में बिक रहे खाद्य पदार्थो ,सड़े गले फलो का सेवन नहीं करना चाहिए । गाँव मे डिपो होल्डर व स्वास्थ्य केन्द्रो के पास सभी जीवनरक्षक दवाइया पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है । इस अवसर पर सेलूद के सेक्टर पर्यवेक्षक आर के टण्डन रिजवान अहमद ,तालसिंह ठाकुर ,नेहा भीमगज, पूजा बंजारे,आर एस शांडिल्य, प्रीति वर्मा ,वंदना चौधरी,अमरीका देशलहरे, मधु साहू, संतोषी देवांगन, पी चेलम ,मितानीन हेमपुष्पा साहू,पंच बाई यादव,देवला ठाकुर, सरिता साहू,हिरमोतीन साहू ,रामदुलारी, मेहतरीन ,ममता आदि अपनी सेवाएं दे रहे है।