हेमंत तिवारी,,,
कलेक्टर परिसर में पसरा गंदगी पान वा गुटके से रंगा दीवाल पाण्डुका. राज्य सरकार की बात करे या केंद्र की देश को सुंदर स्वच्छ बनाने के लिए सरकार पूरी तरह अडिग है ।और कई अधिकारी कर्मचारी नेता जनप्रतिनिधि इसे पूरी तरह से अंजाम भी दे रहे है कई करोड़ो रुपए हर साल साफ सफाई के नाम पर खर्च भी करती है लेकिन उसका नतीजा कुछ और है।कलेक्टर परिसर गरियाबंद में पसरा गंदगी पान वा गुटका से रंगा दीवाल जिसे देखने वाला कोई नहीं एक तरफ साफ सफाई को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे है जिसके लिए कई नियम बनाए गए जिला गरियाबंद परिसर ये हाल है की बाथरूम हो या कही और दीवाल के किनारे गुटके के पिक से पूरा दीवाल को रंग रोहन हो गया है । ये हाल है गरियाबंद कलेक्टर परिसर का साफ सफाई के नाम पर नियम सक्त है अब जब खुद की दीवाल खुद के घर में गंदगी फैली हो तो नियमो का उल्लंघन करने वाला कौन अधिकारी ही है जो दूसरों है के लिए नियम बनाए है लेकिन वो खुद इसके आदि हो गए है कलेक्टर परिसर के किसी भी कोने में चले जाइए यह के अधिकारी पहले गुटका के पाउच तंबाखू और सिगरेट का चुस्की लेते है फिर अपने काम को अंजाम देते है जिला मुख्यालय पर बैठने वाले तमाम अधिकारियों को गंदगी नजर ही नहीं आ रही, कलेक्ट्रेट परिसर में फैली अव्यवस्थाओं को लेकर कलेक्टर सहित जिले के सभी प्रशासनिक अधिकारी इसके जिम्मेदार है।गरियाबंद कलेक्टर परिसर में बाथरूम, टॉयलेट में जो बदबू है उसे छुपाया नही जा सकता सफाई के नाम पर सरकारी खजाने का बंदरबाट कर रहे जिम्मेदार अधिकारी परिसर में मकड़ी का जाल बिछाए दीवाल के किनारे पर नजर आएंगे। कही पे भी गुटखा, सिगरेट, तंबाखू ये पाउच बिखरा पड़ा है जिससे साफ होता है की यह किसी बाहरी व्यक्ति का नही है ऐसा करने वाले परिसर के अधिकारी है जो जिला गरियाबंद को सुंदर एवम स्वच्छ करने में लगे है कलेक्टर परिसर में लोग अपनी समस्या को लेकर दूर दूर से आते है की कही हमारी समस्या का निजात मिल जाए संकट से मुक्ति मिल जाय जो एक मंदिर की तरह है और ऐसे मंदिरों का अपमान ऐसे गैर जिम्मेदार लोग कर रहे है जिनकी भरोसे पूरा गरियाबंद जिलावासी है। ऐसे में कहा से सुंदर और स्वच्छ होगा गरियाबंद ऐसे लोगो के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होता जो परिसर लाल करने में लगे है गरियाबंद जिला की स्वच्छ और सुंदर बनाना इन्ही लोगो की जिम्मेदारी है। पर जब ग्रामीण इलाकों से अपनी फरियाद लेकर ग्रामीण यहा पहुंचते है तो कलेक्ट्रेट भवन की यह दशा देखकर यह अंदाजा जरूर लगा लेते हैं की जब जिला मुख्यालय का ये हाल है ।तो इन जिम्मेदारों से ग्रामीण क्षेत्रों के शासकीय विभागो के भवन और अधिकारी कर्मचारी पर स्वच्छता की संदेश देना और उसे पालन करवाना बेकार है ।