रायपुर। छत्तीसगढ़ शिक्षक फेडरेशन द्वारा वेतन विसंगति एवं एनपीएस की राशि के लिए 4 जनवरी को रायपुर में धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। बरसते पानी में थानों में शिक्षकों को रोककर राजधानी पहुंचने से वंचित किया गया। छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने इसे आपातकाल के जिंद को पुनः वापस आने की संज्ञा दी है। संघ के संरक्षक विजय कुमार झा महामंत्री उमेश मुदलियार ने बताया है कि पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार शिक्षक फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष मनीष मिश्रा के नेतृत्व में वेतन विसंगति दूर करने, एनपीएस की राशि को वापस शिक्षकों के खाते में जमा कराने, नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता निर्धारित करने हेतु जंगी प्रदर्शन का आयोजन किया गया था। धमतरी, चारामा, सरगुजा, महासमुंद, बलौदाबाजार, क्षेत्रों में बस और वाहनों को रोककर रायपुर राजधानी पहुंचने से वंचित किया गया। यह लोकतंत्र का अपमान है। श्री झा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र में अपने अधिकारों के लिए धरना प्रदर्शन करना मौलिक अधिकार है। दूसरी ओर छत्तीसगढ़ की सरकार ने भाजपा के प्रदर्शन में बाहर से आने वालों को नहीं रोका। शिक्षकों के मन में यह आशंका है कि दोनों पक्ष एक दूसरे से मिले हुए हैं तथा शिक्षकों को छलना चाहते हैं। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष जी आर चंद्रा, कार्यकारी अध्यक्ष अजय तिवारी, आलोक जाधव कोषाध्यक्ष, जिला शाखा अध्यक्ष रामचंद्र टांडी, संभागीय अध्यक्ष संजय शर्मा, विमल चंद कुंडू, राजकुमार शर्मा, सुनील जरौलिया, अरुंधति परिहार, काजल चौहान, प्रवक्ता विजय डागा, पीतांबर पटेल, आदि ने शिक्षकों को प्रदर्शन से रोकने को लोकतंत्र की हत्या निरूपित किया है। सभा के अंत में मनीष मिश्रा एवं विजय कुमार झा के नेतृत्व में विभिन्न जिलों से आए पदाधिकारियों ने शिक्षक पंचायत अनुकंपा नियुक्ति कल्याण संघ के मंच पर जाकर नारेबाजी कर उनका समर्थन करते हुए आर्थिक सहयोग प्रदान किया। साथ ही अनुकंपा नियुक्ति संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती माधुरी मृगे के पिताश्री के निधन पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई।