अमलीपदर क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों की जान के साथ कर रहे खिलवाड़…..

रिपोर्टर: रोशन अवस्थी

मैनपुर। इन दिनों अमलीपदर क्षेत्र में बिना डिग्री धारी अपने आप को डॉक्टर समझकर अंचल के मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। बिना किसी डिग्री के अंचल के लोगों के जान के साथ खिलवाड़ कर अधिक से अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। ना तो उन्हें किसी तरह की बीमारी का पता है ना ही कोई टेस्ट मरीजों का कर रहे हैं। सीधा हाई पावर मेडिसिन लिखकर मरीजों के जान से खिलवाड़ कर रहे हैं इसका सीधा असर मरीजों के स्वास्थ्य पर पढ़ रहा है।
हम बात करें किसी भी मरीजों को दवाई केवल रजिस्टर प्रैक्टिशनर ही लिख सकता है। क्योंकि उसके पास डिग्री व उस संबंध में जानकारी होती है। इसमें भी शेड्यूल के साथ एच एवं एच् वन मैं दवाई होती है ।वहीं इनके लाइसेंस संबंधी जांच का कार्य जिला स्तर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी सी एम एच ओ का होता है लेकिन विभागीय अधिकारी की उदासीनता के चलते यह झोलाछाप डॉक्टर मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इससे यह साफ जाहिर होता है कि अधिकारी की शरण में यह झोलाछाप डॉक्टर इस कार्य को अंजाम दे रहे हैं। अगर इनके ऊपर कार्यवाही भी होती है तो नाम मात्र की जिसके चलते यह झोलाछाप डॉक्टर निडर होकर क्षेत्र के मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

मरीजों के इलाज के बारे बात करें तो शासकीय अस्पताल में चंद पैसे में ही जांच हो जाती है ।और सभी रिपोर्ट मिल जाते हैं। वहीं यह झोलाछाप डॉक्टर अपने कमीशन कमाने के चक्कर में प्राइवेट पैथोलॉजी मै टेस्ट के लिए भेज देते हैं जिसके चलते दो सौ रुपये में होने वाला टेस्ट प्राइवेट पैथोलॉजी में जाते-जाते हजार से पंद्रह सौ रूपये की अतिरिक्त खर्च हो जाती है ।जिससे चलते आम आदमी को अपनी निजी खर्च के जेब से काटकर टेस्ट के लिए पैसा इकट्ठा करना पड़ता है ।आम आदमी की आर्थिक स्थिति अतिरिक्त भार के कारण और भी ज्यादा कमजोर हो जाती है।
विभागीय अधिकारी के संरक्षण के तले यह झोलाछाप डॉक्टर आम आदमी के जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं ।इससे स्पष्ट जाहिर होता है कि विभागीय अधिकारी का अंचल में सतत मॉनिटरिंग का अभाव है। जिसके चलते यह झोलाछाप डॉक्टर बेखौफ होकर मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
कई बार इन झोलाछाप डॉक्टरों के खबर प्रकाशन के बाद भी इन पर किसी तरह की कोई ठोस कार्यवाही नहीं होती ।कार्रवाई भी होती है तो कार्रवाई के नाम पर मात्र खानापूर्ति ही होती है।जिसके चलते ये झोला छाप डॉक्टर क्षेत्र मैं फिर से अपने पांव पसारने लग जाते है और बेख़ौफ़ होकर मरीजों का ईलाज करते हैं।

वर्जन… इस संबंध में जब जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एन आर नवरत्न से झोलाछाप डॉक्टर के कार्रवाई के संबंध में बात की तो उन्होंने कहा कि ब्लॉक स्तर पर बी एम ओ व अनुविभागीय अधिकारी अपने-अपने ब्लॉक में कार्रवाई करने में सक्षम है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *