रिपोर्टर- भुवन पटेल
कवर्धा। जिला में निर्माण कार्यो में गुणवत्तापूर्ण नही हो रहा है जिसपर अधिकारियों के संरक्षण रहता है । कोई भी निर्माण करने के लिए प्राकलन तैयार किया जाता है लेकिन उसे ही किनारे कर दिया जाता है । नगर पंचायत पांडातराई में 14 लाख 66 हजार की लागत से बनने वाले भारत माता चौक निर्माण कार्य जिस भव्यता से बनना था अब वह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई । यह चौक नगर की एक गौरव था लेकिन इस निर्माण कार्य को कराकर वाहवाही लूटने वाले नगर के जनप्रतिनिधि महज खाना पूर्ति कर कोरी वाहवाही लूट रहे है। मामला का खुलासा तब हुआ जब निर्माण का स्टीमेट देखा गया जिसमें 14 लाख 66 हजार की लागत से भारत माता निर्माण कार्य के सम्पूर्ण ढांचा को एक खास किस्म के ग्लास फाइवर रेनफोर्स प्लास्टिक(GFRP) से तैयार करना था जिसमे धूप पानी बरसात का कोई असर नही पड़ता और यह मटेरियल काफी मजबूत प्लास्टिक होता है जो लंबे समय से चमक के साथ अपने मूल स्वरूप में बना रहता है जिसका कीमत 2290 रुपये पर किलोग्राम है और उक्त निर्माण कार्य मे 470 किलोग्राम यानी चार किवंटल 70 किलोग्राम जिसकी कुल कीमत 1076300 रुपये का GFRP का उपयोग होना था लेकिन ऐसा नही हुआ। और उक्त निर्माण कार्य को महज ईंट रेत मसाला से खड़ा कर दिया गया। दिखाई दे रहे उक्त ढांचे में कही पर भी GFRP मटेरियल का उपयोग नही हुआ है,लोगों को दिग्भर्मित करने के लिए ईंट रेत सीमेंट के मसाले जोड़कर व पुट्टी पॉलिसी लगाकर चमका दिया है जिसका रंग कभी भी फीका पड़ सकता है।जिससे साफ जाहिर होता है निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार करने के लिए स्टीमेट के विपरीत कार्य किया गया।
नॉन एसओर आइटम का स्टीमेट
नगर में भारत माता चौक व मूर्ति बनाने के लिए जिस स्टीमेट को तैयार किया गया है उसका तकनीकी स्वीकृति भी नही लिया गया है और भ्रष्टाचार करने की मंशा से एसओर से हट कर प्राकलन तैयार किया गया। विभागीय जानकारों की माने तो कभी कभी कुछ ऐसे निर्माण कार्य होते है जो एसओर में नही होते जिनका सामग्री काफी कीमती होता जिन्हें पास कराने व सामग्री को खरीदने के लिए भंडार क्रय नियम का पालन करना होता है वही नॉन एसओर स्टीमेट को पास करने एक समिति बनाई जाती है जिसमें चार से पांच सदस्य होते है। लेकिन इस कार्य में नगर पंचायत पांडातराई प्रशासन के द्वारा ऐसा नही किया गया जिससे भ्रष्टाचार करने की मंशा साफ झलकती है।
करतूत छिपाने रिवाइज कराने की तैयारी
भारत माता चौक निर्माण कार्य मे हुए भ्रष्टाचार की शिकायत कलेक्टर के पास किया गया है और इसकी पूरी जानकारी अब नगरवासियों को हो चुका है,वही उक्त निर्माण कार्य को कराने के अवैज में एक भी रुपये का आहरण नही हुआ है साथ ही सबइंजीनियर के द्वारा मूल्यांकन ही नही किया गया हालांकि सबइंजीनियर के ऊपर नियम विरुद्ध मूल्यांकन करने दबाव बनाया जा रहा था? ऐसा नगर में चर्चा है। वही निर्माण कार्य अब पूर्ण हो चुका है जिस पर महज 7 लाख रुपये खर्च हुआ होगा जिसे अब रिवाइज कराने की तैयारी चल रहा ताकि अपने करतूत को छिपा सके। लेकिन तकनीकी एक्सपर्ट की माने तो यदि निर्माण कार्य प्राकलन के अनुसार नही कराया गया है तो उस पर खर्च राशि को शून्य किया जा सकता है और यदि निर्माण कार्य गुडवत्ताहीन किया जाता है तो उसे तोड़वाकर दूसरा निर्माण कराने का प्रावधान रहता है।
अब यह नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है इसके साथ ही जिला व प्रदेश स्तर में इन दिनों नगर पंचायत पांडातराई काफी चर्चा में है चाहे वह निर्माण कार्य मे भ्रष्टाचार को लेकर हो या फिर अध्यक्ष की मनमानी को लेकर हो यह सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है। हालात अब यह बन गया है नगर पंचायत पांडातराई के कांग्रेसी पार्षदों ने अपने ही अध्यक्ष के खिलाफ कलेक्टर के समक्ष अविश्वास प्रस्ताव रखा है। और इसकी सूचना पूर्व में पार्टी आला कमान को दिया गया था लेकिन समय मे कोई पहल नही हुआ।