वन विभाग का बड़ा कारनामा,हरे भरे जंगल को बेच खा गए जिम्मेदार ,सिमटने लगा है जंगल

जंगल की बर्बादी और वन विभाग पर जल्द बड़े कारनामे का होगा पर्दाफाश,पढ़े पूरी खबर…

परमेश्वर कुमार साहू,गरियाबंद

वन विभाग में लापरवाही का आलम इस कदर है की ज़िम्मेदारो द्वारा सारे नियम, कायदा और कानून को ताक में रखकर जंगल को ही बेच डाला।आज जिस तरह से जंगलों की अंधाधुंध कटाई हो रही है उससे पर्यावरण पर भयंकर प्रभाव पड़ रहा है।भले शासन द्वारा पर्यावरण दिवस के नाम पर बड़े बड़े कार्यक्रम आयोजन कर लाखो करोड़ो रूपए खर्च कर रहे है लेकिन आयोजन केवल एक दिन तक के कार्यक्रम तक सीमित हो गया है।जबकि जिस उद्देश्य के लिए विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है वह धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आता।हकीकत यही है की शासन प्रशासन जंगलों को बचाने और पर्यावरण को सहेजने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है।जिसके कारण पेड़ पौधों की बेदम कटाई और लगातार सिमटते जंगल ,वन्य प्राणियों सहित मानव जाति के लिए बहुत गंभीर चिंता का विषय है।यही कारण है की जंगली जानवर गांव की ओर रुख कर रहे है।

जिले में चना मुर्रा की तरह वनाधिकार पट्टा का आवंटन का वितरण किया गया है। जहा किसान खेत बनाए ही नहीं और ग्राम वन वनाधिकार समिति ,बिटगार्ड ,पंचायत सचिव और पटवारी द्वारा चाय पानी और बकरा लेकर कई एकड़ वन जंगल की जमीन को वनाधिकार पट्टा के रूप में बांट दिया।जबकि आज भी उस जमीन पर न हल चला और न ही धान का एक बीज भी छिड़काव किया गया है।विभाग के साहब की मेहरबानी भी ऐसी की घर बैठे ही गिदावरी भीं कर दिया।बेचारा किसान खेत तो नही बना सका, न धान बुआई कर सका, पर हा उस वनाधिकार पट्टा में हर साल धान खरीदी केंद्र में धान बेचकर सरकार व विभाग की मेहरबानी का लाभ जरूर ले रहा है। वाह रे वन विभाग तेरे अजब गजब के अधिकारी कर्मचारी और अजब तेरे कारनामे ,कुछ तो शर्म करो और ऊपर वालो को डरो।जिस कर्तव्य को निभाने मोटी रकम के रूप में तनख्वाह और सारी सुविधाएं शासन द्वारा दे रही है उसके बावजूद भी अपने कर्त्तव्य के प्रति जरा भी ईमानदारी नही। ऐसा ही कुछ मामला वन मंडल गरियाबंद के वन परिक्षेत्र छुरा में सालो से फल फूल रहा है।जिसका जल्द एक बड़े मामले का खुलासा किया जायेगा। जंहा जंगल की बर्बादी की कहानी उजागर किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *