रायपुर. कोरोना के संक्रमण का खतरा अब अखबार के वितरण पर भी मंडरा रहा है। अखबार बांटने वाले बड़े एजेंटों ने एक इमरजेंसी बैठक लेकर अखबार नहीं बांटने का फैसला लिया। बैठक में हॉकरों की समस्या सामने आई थी। सारे हॉकर निम्न आय वर्ग के हैं और उनके पास मास्क व अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। ऐसी स्थिति में उनसे अखबार बटवाना संक्रमण को बढ़ाने को दावत देना है इसलिए यह फैसला लिया गया है। इसके अलावा अखबार के करीब 25% पाठकों ने खुद होकर भी अखबार नहीं मंगाने का फैसला ले लिया है। पाठकों के मन में भ्रम है कि अखबार कई हाथों से होकर गुजर कर आता है ऐसे में कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है। हालांकि यह भ्रम है लेकिन अखबारों के पाठकों की रुचि भी अखबार पढ़ने में नहीं है इसलिए प्रसार संख्या घटने के कारण भी बड़े एजेंटों ने यह कठिन व कड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के अमल में आते ही शहर वालों को अखबार पढ़ने से वंचित होना पड़ेगा। वैसे कुछ बड़े अखबारों की ओर से खबर आ रही है कि वे खुद ही इसकी वितरण प्रणाली तैयार करने की कोशिश करेंगे और अखबार एजेंट के जरिए नहीं बल्कि अपने कर्मचारियों के जरिए बंटवाने की कोशिश करेंगे, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है।