नई दिल्ली :- मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चन्द्रा ने नई दिल्ली में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से सात मार्च तक सात चरणों में मतदान होगा।
पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक चरण में 14 फरवरी को चुनाव कराया जाएगा। मणिपुर में 27 फरवरी और तीन मार्च को दो चरणों में मतदान होगा।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चन्द्रा ने नई दिल्ली में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से सात मार्च तक सात चरणों में मतदान होगा।
पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक चरण में 14 फरवरी को चुनाव कराया जाएगा। मणिपुर में 27 फरवरी और तीन मार्च को दो चरणों में मतदान होगा। मतगणना 10 मार्च को होगी।
पांच राज्यों के विधानसभाओं की कुल 690 विधानसभा सीटों पर मतदान कराया जाएगा। गोवा विधानसभा का कार्यकाल इस वर्ष 15 मार्च, मणिपुर विधानसभा का 19 मार्च, उत्तराखंड और पंजाब विधानसभा का 23 मार्च तथा उत्तर प्रदेश का 14 मई को समाप्त होगा।
चंद्रा ने कहा कि पिछले दो साल से कोविड के कारण चुनाव संचालन में कठिनाइयां आई है। उन्होंने कहा कि कोविड मामले बढ़ने के मद्देनजर निर्वाचन आयोग ने केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव, गृह सचिव, विशेषज्ञों और राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ बैठक की। व्यापक विचार-विमर्श के बाद आयोग ने सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए चुनाव की घोषणा करने का फैसला किया।
सभी मतदान केन्द्रों पर कोविड से बचाव के व्यापक प्रबंध किये जाएंगे और मास्क तथा सेनिटाइजर उपलब्ध कराया जाएगा। मतदान केन्द्रों की संख्या भी बढ़ाई गई है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक मतदान केन्द्र ऐसा होगा, जहां सभी कर्मचारी महिलाएं होंगी। इससे महिला मतदाताओं को प्रोत्साहन मिलेगा।
पांचों राज्यों की विधानसभाओं के चुनाव में कुल 18 करोड़ 34 लाख मतदाता हैं। इनमें से आठ करोड़ 55 लाख महिलाएं हैं। सभी राज्यों में 24 लाख नौ हजार नए मतदाता बने हैं। 80 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों और कोविड रोगी पोस्टल बैलेट का प्रयोग कर सकते हैं।
सभी चुनाव अधिकारियों और कर्मचारियों को अग्रिम पंक्ति के योद्धा के समान समझा जाएगा और उन्हें कोविड का एहतियाती टीका दिया जाएगा।
चंद्रा ने कहा कि 15 जनवरी तक रोड़शो, पदयात्रा, साइकिल या बाइक रैली और किसी जुलूस की अनुमति नहीं होगी। आयोग स्थिति की समीक्षा करेगा और आगे के लिए निर्देश जारी करेगा।
राजनीतिक दलों को डिजिटल माध्यम से चुनाव प्रचार करने की सलाह दी गई है। उम्मीदवारों के पक्ष में अधिकतम पांच लोगों का समूह घर-घर जाकर प्रचार कर सकता है।
चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।