अमलीपदर क्षेत्र के ग्राम पंचायत मुडगेलमाल में रोजगार गारंटी के काम में फर्जीवाड़ा सुध लेने वाला कोई नहीं

✍? रिपोर्टर विक्रम कुमार नागेश गरियाबंद

गरियाबंद। मूढ़गेलमाल पंचायत मनरेगा कार्य मे बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। जिम्मेदारों ने कार्य शुरू होने से पूर्व ही अपने चहेतों के नाम मस्टररोल में भरकर जमा करा दिए। हालाकिं समय रहते ग्रामीणों को इसकी भनक लग गयी और उच्चाधिकारियों को शिकायत पत्र सौंपकर कार्रवाई की मांग की है।

दरअसल मूढ़गेलमाल पंचायत के आश्रित ग्राम स्याही डोंगरी में 15 लाख की लागत से दो तालाब गहरीकरण का काम जारी है। मौके पर कम मजदूर देखकर पंच समेत ग्रामीण ललित नेताम, टेकराम मांझी, जयवाली नागेश को आशंका हुई। उन्होंने रोजगार सहायक से मस्टररोल दिखाने को कहा।
मस्टररोल देखकर ग्रामीणों को पूरा मामला समझ मे आ गया। ग्रामीणों ने मामले में बड़े फर्जीवाड़ा का आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत जनपद व जिला पंचायत सीईओ से की है। सीईओ रूप कुमार ध्रुव ने जांच उपरांत दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।

मस्टररोल में मृतक कपूरचंद का नाम होने से पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ है। ग्रामीणों ने जब मस्टररोल को गौर से देखा तो उसमे 67 लोगो के नाम फर्जी तरीके से काम शुरू होने से पहले ही डाल दिए जाने की बात सामने आई है। रोजगार सहायक पार्वती बेहरा ने News24carate संवाददाता को बताया कि अब गलती से मस्टररोल बनना और मृतक का नाम चढ़ना बता रही है। वही तकनीकी सहायक रेखराज बीसी सारी जवाबदारी पंचायत स्तर व रोजगार सहायक की होना बताकर अपना पल्ला झाड़ रहा है।

मामले को देखने पर नीचे से ऊपर तक मिलीभगत नजर आती है। वैसे तो काम शुरू होने से एक दिन पूर्व पंचायत द्वारा जॉब कार्ड भरकर डिमांड पत्रक कार्यक्रम अधिकारी को दिया जाता है। जॉब कार्ड की ऑनलाइन एंट्री की जाती है। इस सारी प्रक्रिया में सरपंच और सचिव के सील मुहर सहित हस्ताक्षर होना अनिवार्य होता है। मगर इस मामले में सरपंच पद्म धुरवा और सचिव खामसिंह सुरेश के हस्ताक्षर ही नही है।

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