सफलता त्याग मांगती है – शीतल बंसल,


छुरा,:- आई.एस.बी.एम. विश्वविद्यालय, छुरा, गरियाबंद में संविधान दिवस मनाया गया। संविधान दिवस का शुभारंभ माँ सरस्वती के छायाचित्र पर दीपप्रज्वलन कर एवं सरस्वती वंदना साथ ही राजकीय गीत के साथ कार्यक्रम का आरंभ हुआ। मुख्य अतिथि को एनसीसी कैडेट्स द्वारा एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेन्ट गोकुल प्रसाद साहू के नेतृत्व में गॉड आफ ऑनर दिया गया। ‘विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता एवं कार्यक्रम के समन्वयक डॉ.भूपेन्द्र कुमार साहू द्वारा 26 नवम्बर 2008 के मुंबई आतंकी घटना में शहीद हुए, जवानो को श्रद्धांजलि देते हुए, मुख्य अतिथि का परिचय प्रस्तुत करते हुए कहा कि सफलता का दूसरा नाम ही शीतल बंसल है। साथ ही सभी अतिथियों के प्रति स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव, डॉ. बी.पी. भोल ने अपने उद्बोधन में संविधान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भारत का संविधान अन्य देश के संविधान से अलग है। जो हमें धर्मनिरपेक्षता, समानता, लैगिंक समानता, शासन-प्रशासन की जवाबदेही का बोध कराता है। देश के सफल संचालन में व्यवस्थापिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका की प्रमुख भूमिका है। विश्वविद्यालय के कुलपति, डॉ. आनंद महलवार ने अपने उद्बोधन में संविधान दिवस की शुभकामना देते हुए संविधान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए, कहा कि भारत का संविधान एक ऐसे पुष्पगुच्छ की तरह है जिसमें अनेक रंग बिरंगी फूलों की खुशबु है। प्रारूप समिति के अध्यक्ष, डॉ. भीमराव अंबेडकर के समक्ष एक कठिन चुनौती थी कि भारत जैसे विशाल देश के लिए, संविधान का निर्माण करना। हम सभी को अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का भी पालन करना चाहिए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीमती शीतल बंसल अनुविभागीय दण्डाधिकारी, छुरा ने अपने उद्बोधन में कहा कि सफलता सदैव त्याग मांगती है। युवावस्था में हम अत्यधिक कठिन परिश्रम कर अपने सुखद भविष्य का निर्माण कर सकते है। वर्तमान समय में कुछ कठिनाईयों का सामना करना भी पडे़ तो हमें पिछे नहीं हटना चाहिए। असफलता ही सफलता की पहली सिढ़ी होती है, आप सभी लगातार प्रयास करें सफलता आपके कदम चुमेगी। स्वयं के संघर्षों को याद करते हुए, बताया कि लक्ष्य का निर्धारण कर लगातार परिश्रम के परिणामस्वरूप आज इस स्थान तक पहुंची हँू। अपनी सफलता का श्रेय गुरूजनों एवं परिवारजनों को देते हुए कहा कि सभी विषय अपने आप में पूर्ण होते है, आवश्यकता होती है सिर्फ लगन और परिश्रम की। इस अवसर पर संविधान की प्रस्तावना का वाचन करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा शपथ दिलाया गया। साथ ही विश्वविद्यालय के एनसीसी कैडेट्स जो कि कठिन प्रशिक्षण के बाद वापस लौटे थे उन्हें प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
मुख्य अतिथि को विश्वविद्यालय परिवार की तरफ से स्मृति चिह्न, शॉल एवं श्रीफल भेट कर सम्मानित किया गया। विश्वविद्यालय के अकादमिक डीन डॉ.एन.के. स्वामी ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए। सफल आयोजन के लिए कला एवं मानविकी संकाय को बधाई देते हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक एवं अधिकारी-कर्मचारी गण एवं विद्यार्थी गण उपस्थित थे। कार्यक्रम के सफल आयोजन में डॉ. गरिमा दीवान, डॉ. गिरधारी लाल लोधी, श्रीमती ममता देवांगन, श्री अश्वनी साहू, श्री योगेश साहू एवं श्री दीपेश निषाद का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम का सफल संचालन श्री प्रीतम साहू, सहायक प्राध्यापक इतिहास एवं राष्ट्रीय सेवा योजना संचालक द्वारा किया गया।

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