(दीपावली पूर्व मंहगाई भत्ता व 7 वें वेतनमान के एरियर्स देने पर अधिक दबाव बनाया गया)
रायपुर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन से संबद्व कर्मचारी सगठनों को प्रदेश के कर्मचारियों अधिकारियों की 14 सूत्रीय मांगों के निराकरण हेतु गठित श्री मनोज कुमार पिंगुआ प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग विभाग की अध्यक्षता में गठित दो सदस्यीय समिति के समक्ष 27 अक्टॅूबर को मंत्रालय में कर्मचारियों के प्रतिनिधि मण्डल को बुलाकर विस्तार से मांगों व समस्याओं के संबंध में मैराथन बैठक सम्पन्न हुई। इस बैठक अध्यक्ष श्री पिंगुआ के अतिरिक्त सचिव वित्त सुश्री अलरगेलगंगई डी भी उपस्थित थीं। सर्वप्रथम फेडरेशन की ओर से अध्यक्ष व सदस्य का पुष्पगुच्छ से स्वागत् किया गया। यह संयोग ही है कि श्री मनोज कुमार पिंगुआ आई.ए.एस. एशोसिएशन के अध्यक्ष भी निर्वाचित हुए है। इस हेतु भी उनका अभिनंदन किया गया।
छग.कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा एवं प्रमुख प्रवक्ता विजय कुमार झा, ने बताया है कि मुख्यमंत्री के आश्वासन के अनुरूप प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण हेतु समिति का गठन किया गया है। फेडरेशन ने समिति के समक्ष दीपावली पूर्व लंबित 14 प्रतिशत् मंहगाई भत्ता व 7 वां वेतनमान् के एरियर्स के भुगतान करने की मांग प्रमुखता से प्रस्तुत की। इसके अतिरिक्त प्रदेश में 1.1.56 से व्याप्त लिपिकों के वेतन विसंगति, सहायक शिक्षकों एवं सहायक पशुचिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों को समयमान् वेतनमान् देने, स्वास्थ कर्मचारियों के वेतन विसंगति दूर कर करोना काल में किए गए जनसेवा के अनुरूप समस्या का निदान कर सुविधा प्रदान करने, पटवारियों को भुईया कार्यक्रम के तहत लैबटाप व कम्प्युटर सुविधा प्रदान करने, स्टेशनरी भत्ता देने, सभी संवर्ग को समय सीमा में पदोन्नति प्रदान करने, निर्धारित तिथि व समय में वरिष्ठता सूची का प्रकाशन करने, विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित करने, 2004 के बाद नियुक्त शासकीय सेवकों को पुरानी पेंशन सुविधा पश्चिम बंगाल सरकार की भॉति लागू करने, स्वास्थ संयोजकों को उनके ही विभाग में न्यूनतम योग्यता व प्रशिक्षण अवधि वाले कर्मचारियों की भॉति 2800 रू. ग्रेड पे प्रदान करने, स्टायपंड व्यवस्था व नवीन नियुक्ति में 70 प्रतिशत् 80 व 90 प्रतिशत् वेतन भुगतान करने की व्यवस्था को समाप्त करने, हैण्डपंप मैकेनिकों की वेतन विसंगति, महिला एवं बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षकों के वेतन विसंगति दूर करने, वाहन चालकों, वन कर्मचारियों के वेतन विसंगति, एक ही संवर्ग में कार्य करने वाले व पदोन्नति से वंचित रहने वाले डाटा एट्री आपरेटरों को पदोन्नति व समयमान वेतनमान् प्रदान करने, लघु वेतन कर्मचारियों के समय सीमा में पदोन्नति, पटवारियों के पदोन्नति व कम्प्यूटर अर्हता रखने के बाद भी पदोन्नति से वंचित रखने, कम्प्यूटर में 5000-8000 डिप्रेशन की विभागीय परीक्षाएं आयोजित करने, कोरोनाकाल में दिवंगत कर्मचारियों के चिकित्सा देयकों को विशेष परिएस्थिति व कारण से स्वीकृत करने संबंधी अनेक मांगों पर अध्यक्ष व सदस्य का ध्यान विस्तार से आकृष्ट किया गया। पेंशनरों के मंहगाई भत्ता भुगतान में मध्यप्रदेश की स्वीकृति संबंधी बाधा को झारखण्ड व उत्तराखण्ड राज्य की भॉति हमेशा के लिए समाप्त करने, अतिथी शिक्षकों की सेवाएं निरंतर करने व सेवा समाप्ति के आदेश को वापस लेने की मांग की गई। सभी प्रांताध्यक्षों ने दीपावली पूर्व लंबित 14 प्रतिशत् मंहगाई भत्ता का भुगतान करने, अनेक राज्यों द्वारा केन्द्र सरकार के 31 प्रतिशत् घोषणा के बाद भुगतान का निर्णय लेने का उद्वरण प्रस्तुत करते हुए, छत्तीसगढ़ में भुगतान करने की मांग की गई। मैराथन बैठक बी.पी.शर्मा, संजय सिंग, राजेश चटर्जी, आर.केे.रिछारिया, बिन्देश्वर राम रौतियां, यशवंत वर्मा, सतीश मिश्रा, पंकज पाण्डेय, चन्द्रशेखर तिवारी, सत्येन्द्र देवॉगन, मूलचंद शर्मा, मनीष सिंह ठाकुर, राकेश सिंह, डॉ.अमित मिरी, अश्वनी चेलक, आर.एन.ध्रुव, राकेश शर्मा, दिलीप झा, अश्वनी वर्मा, नीरज प्रताप सिंह, संतोष वर्मा, वीरेन्द्र नामदेव, रवि गढ़पाले, टार्जन गुप्ता, प्रवीण ढ़ीड़वंशी, तुलसी राम साहू, आदि ने समिति को समस्याओं से अवगत कराया गया।