शारदीय नवरात्रि पर्व पूरे भारतवर्ष में धूमधाम से मनाया जा रहा है ।यह हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहारों में से एक है।दुर्ग जिला धमधा जनपद के ग्राम नारधा में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी शारदीय नवरात्रि की धूम रही है।यहां स्वामी रूक्खड़ नाथ धाम से प्रसिद्ध मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा मनोकामना ज्योति कलश प्रज्जवलित की जाती है।समीप स्थित मां शीतला मंदिर में भी श्रद्धालुओं द्वारा मनोकामना ज्योति प्रज्जवलित किया जाता है।यहां बस्तीपारा,रामायण चबूतरा बाजार चौंक तथा लक्ष्मीपारा मे दुर्गा प्रतिमा स्थापित किया जाता है।पटेल समाज भवन में भी ज्योति कलश प्रज्वलित कर सामाजिक एकता का संदेश देती है।यहां मां शाकम्भरी की प्रतिमा स्थापित है।छत्तीसगढ प्रदेश नवनिर्माण वर्ष सन् 2000 से आरंभ सार्वजनिक दुर्गोत्सव समिति लक्ष्मीपारा द्वारा दुर्गा पूजा का यह 22 वां वर्ष है।मंच के ऊपर कलश की झांकी तो बाहर भगवान शंकर की जटा से बहती गंगा की धारा लोगों मे आकर्षक का केन्द्र रहा है।बुधवार को हवन महा अष्टमी के पावन अवसर पर रात्रि में जय छत्तीसगढिया जस झांकी परिवार डांडेसरा ( नगपूरा) जिला दुर्ग का मनमोहक झांकी की प्रस्तुति हुई।झांकी में द्रोपदी चीरहरण में असहाय द्रोपदी की विवशता पर भगवान श्रीकृष्ण द्वारा मदद कर पूर्व में द्रोपदी द्वारा भगवान कृष्ण की मदद के बदले मदद को समाज में संदेश दिया।महिषासुर मर्दिनी झांकी भी देर रात तक लोगों को बांधे रखा।