शक्ति की उपासना में माई जशगीतो की अनुगूंज :-


छुरा :- शारदीय नवरात्रि के पावन पर्व पर अंचल के देवी मंदिरों में आस्था के दीप प्रज्वलित किए गए हैं। कोरोना काल के वैश्विक महामारी के बाद देवी मंदिरों में मनोकामना ज्योति के प्रति आस्था अधिक प्रगाढ़ हुई है। प्रोटोकॉल का पालन करते हुए माता के दरबार मे मत्था टेकने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। जगह जगह पर माँ दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है। जहाँ भक्तगण बाजा गाजा के साथ माई जश महिमा का बखान कर रहे हैं। जय माँ महामाया सेवा मंडली छुरा द्वारा भी गाँव-गाँव जाकर माता की आराधना कर रहे हैं। मंडली के अध्यक्ष संतराम साहू ने बताया कि प्रतिवर्ष की भांति ही हम माता के दुवारी में जाकर पारम्परिक और आधुनिक तर्ज पर मादर धुन के साथ माता का जसगान करते हैं। हम अंचल के ख्यातिलब्ध जसगीत गायक से. नि. व्याख्याता के. आर. सिन्हा को अपना आदर्श और मार्गदर्शक मानते हैं। प्रमुख रूप से हिंगलाज भवानी, माता शक्ति के अवतरण गीत, श्रृंगार, लड़ाई के गीत, श्री गणेश जन्मकथा, हिरण्यकश्यप-प्रह्लाद भक्ति दर्शन, महिसासुर मर्दन, ब्रम्हानंद भजन, सती सुलोचना गाथा, श्री शिवशंकर विवाह प्रसंग, मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचन्द्र, श्री कृष्ण बाल लीलाओं को जसगीत के माध्यम से बखान करते हैं। मंडली के गायक अर्जुन धनंजय सिन्हा, कोरस राहुल नामदेव, नरसिंग सोम, रीतू साहू, प्रवीण सिन्हा, जागृति साहू, सारिका, प्रीति, खुमेश, टिंकेश, छन्नू, हरषु, उमेश, मादर वादन संतराम साहू, नाल वादन लुकेश ध्रुव, ढोलक जागेश्वर ध्रुव, प्रीतम ध्रुव सक्रिय भूमिका अदा करते हैं।

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