कृष्णा पब्लिक स्कूल के संचालक परिवार के खिलाफ FIR करने दिया कोर्ट ने आदेश…बहु ने लगाए अप्राकृतिक सेक्स जैसे गंभीर आरोप

भिलाई। कृष्णा पब्लिक स्कूल के संचालक परिवार के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश कोर्ट ने दिया है। इनके खिलाफ परिवार की ही महिला ने शिकायत की थी। रायपुर पुलिस ने शिकायत नहीं ली, तो महिला ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद रायपुर कोर्ट ने महिला के पति अभिषेक त्रिपाठी, उसके पिता आनंद त्रिपाठी, मां स्नेह लता त्रिपाठी और जेठ निशांत त्रिपाठी के खिलाफ केस दर्ज करने को कहा है।
अदालत का आदेश

अभिषेक त्रिपाठी नया रायपुर के सेक्टर 27 स्थित कृष्णा पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर हैं। इस केस में सामने आ रहा दूसरा बड़ा नाम निशांत त्रिपाठी का है। निशांत श्री शंकराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी के चेयरमैन हैं। कोर्ट के आदेश के मुताबिक अब इन पर 498 ए, 294, 506 बी, 323, 384, 377, 120 बी 34 जैसे IPC की धाराओं में मुकदमा चलाया जाएगा। जल्द ही आरोपियों को कोर्ट में पेश होने को कहा गया है, ताकि इस केस की आगे की सुनवाई हो सके।
प्राथी के साथ मारपीट पति पर अप्राकृतिक सेक्स का आरोप

महिला का आरोप है कि उसके पति अभिषेक ने नशे की हालत में बिना सहमति के अप्राकृतिक ढंग से शारीरिक संबंध बनाए। महिला ये प्रताड़ना सहन नहीं कर पाई, इसलिए अब इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। महिला ने कोर्ट को यह भी बताया कि शादी के बाद से ही पति, जेठ, ससुर और सास ने मायके से रुपए लाने को कहा। कुछ जमीन भी अपने नाम करवा लीं। ये सब काफी दिनों से चलता रहा। मगर अब महिला ने इस मामले में न्यायिक कार्रवाई की मांग की है।
इनके नाम हुई है FIR
महिला के वकील ठाकुर आनंद मोहन सिंह ने बताया कि अपने साथ हो रही ज्यादतियों को लेकर महिला ने थाने में भी शिकायत की थी, मगर परिवार के रसूख और प्रभाव की वजह से पुलिस इस मामले में FIR करने से बचती रही। इसके बाद महिला ने अदालत से इस मामले में कार्रवाई की मांग की। प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट आरती ठाकुर की कोर्ट ने इस मामले में केस दर्ज करने और आरोपियों को कोर्ट में पेश होने की ऑर्डर शीट अब जारी कर दी है।
महिला के पति अभिषेक त्रिपाठी का कहना है मेरी पत्नी संपत्ति हासिल करने के उद्देश्य से हमारे परिवार पर दबाव बनाना चाहती है। इसी लिए वो ग़लत सूचना फैला रही है। वह हमारे परिवार को बदनाम करना चाहती है। सच्चाई यह है कि मेरी पत्नी ने परिवाद पर न्यायालय ने हमें हमारा पक्ष जानने के लिए केवल नोटिस जारी किया है।

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