लोकेश्वर सिन्हा गरियबन्द
किसान चन्द्रशेखर नायक धान फसल के बदले अब उद्यानिकी फसल उगा रहे है। उनका कहना है कि धान के फसल लेने से लगभग 12 हजार रूपये की बचत होती थी। लेकिन बैंगन और मिर्च फसल लेने से बचत लगभग ढाई गुना हो रहा है। देवभोग विकासखंड के ग्राम करचिंया के किसान ने बताया कि वे शासन और विभाग के मार्गदर्शन से प्लास्टिक मल्चिंग के माध्यम से मिर्च और बैगन की खेती करने लगे जिससे बचत और आमदनी बढ़ गई।
उन्होंने बताया कि जहां एक एकड़ खेत में लगभग 20 क्विंटल धान उपज होता था,वहीं मिर्च की खेती से उत्पादन 60 क्विंटल तक बढ़ गया है। हालाकि इनपुट और श्रमिक लागत लगभग बराबर है।
लेकिन शुद्ध बचत उद्यानिकी फसलों की खेती के वजह से बढ़ी है। वे बताते है कि इसके पहले पूरे रकबे मे धान की फसल लेता था विगत कुछ वर्षो से उद्यानिकी विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों के संपर्क में आने के बाद विभागीय योजना के अंतर्गत प्लास्टिक मल्चिंग प्राप्त हुआ और रोपित रकबा में मिर्च का फसल लिया जिसमें मैने पाया गया कि धान की एक एकड़ फसल की उत्पादन की तुलना में मुझे अधिक उत्पादन और मुनाफा हुआ।
समय-समय पर उद्यान विभाग के अधिकारियों के तकनीकी मार्गदर्शन से नयी-नयी जानकारी प्राप्त हुआ साथ ही नयी योजनाओं के बारे में पता चला। उद्यानिकी फसल की योजनाओं से प्रेरित होकर कृषकों द्वारा उक्त फसल की खेती करना प्रारम्भ किया।
कृषक की आमदनी में उत्तरोत्तर वृद्धि के कारण एवं उनके रहन-सहन में हुए सहज परिवर्तन को देखते हुए दूसरे कृषकों का भी क्षेत्र के भ्रमण उपरांत उद्यानिकी फसलों की ओर रूझान बढ़ रहा है।