प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब देश के किसानों को सपना दिखाया की उनकी आय2022 तक दोगुनी कर दी जाएगी तो लोगो ने इसे खूब सराहा देश का सबसे पिछड़ा और अछुता समझे जाने वाली टपके की उम्मीद बढ़ गई, लेकिन साल गुजरते गए और किसानों की आय बढनी तो दूर घटने लगी। इसका बड़ा कारण कृषि की लागत बढ़ना है।पेट्रोल डीज़ल के आसमान बढ़ते दाम, रासायनिक खाद की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि, बीज और कीटनाशक पर निर्भरता और मजदूरी के संकट ने किसानों की आय तो नही बढाई, बल्कि उनकी लागत दोगुनी जरूर कर दी है।
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी पाटन के मीडिया प्रभारी केदार कश्यप ने बताया कि हाल ही में जब डी ए पी खाद के दाम बढ़ाये गए थे तो भाजपा समेत मोदी समर्थक इस मूल्यवृद्धि के समर्थन में कुतर्क पेश कर रहे थे। केंद्र सरकार किसानों को लेकर दोगली नीति अपना रही है,वह कहती कुछ है और करती कुछ है। केदार कश्यप ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने किसानो की आय दोगुनी करने का वादा करके किसानों की उत्पादन लागत मूल्य को बेतरतीब ढंग से बढ़ा दिया है इतना ही नही यदि स्थानीय छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल की सरकार किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है तो उसे रोका जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सरकार के द्वारा एक तरफ किसानों की आय बढाने की कोशिश में धान की कीमत 2500 रुपये देने की पहल की गई तो केन्द्र सरकार ने उस पर रोक लगा दी, इतना ही नही छत्तीसगढ़ के धान को भारतीय खाद्य निगम ने खरीदने से ही इंकार कर दिया।क्योंकि छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को धान का अधिक मूल्य दे रही है।
- मीडिया प्रभारी केदार कश्यप ने कहा— कि किसानों की आय दोगुनी करने वाली केंद्र की मोदी सरकार किसानों की आय को तो दोगुनी नही कर पाई लेकिन किसानों की लागत मूल्य को जरूर दोगुनी कर दी है।