- गौठानों में पौधरोपण, योगाभ्यास, पारंपरिक खेल-कूद और छत्तीसगढ़ी व्यंजन प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
- योगाभ्यास का प्रदर्शन कर स्वास्थ्य जागरूकता के लिए किया गया प्रेरित
लोकेश्वर सिन्हा गरियाबंद
गरियाबंद । राज्य का पहला लोकपर्व हरेली जिले में उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। इस अवसर पर जिले के गोठानों में विविध कार्यक्रम और प्रतियोगिता आयोजित किया गया । ग्रामीण, गोठान समिति के सदस्य ,स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने पूजा अर्चना कर पर्व से जुड़ी परंपराओं का निर्वहन किया।
फिंगेश्वर विकासखंड अंतर्गत ग्राम बोरसी में राजिम विधायक के मुख्य अतिथि में हरेली तिहार मनाया गया इस अवसर पर कलेक्टर निलेश क्षीरसागर, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल, जनपद पंचायत फिंगेश्वर की अध्यक्ष पुष्पा जगन्नाथ साहू, सरपंच महेश साहू एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि शामिल हुए। इस अवसर पर विधायक ने कहा कि राज्य सरकार की ग्राम सुराजी योजना छत्तीसगढ़ की संस्कृति की पहचान है। इस योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था व संस्कृति से जुड़े लोक महत्व के त्योहारों को पुनर्जीवित किया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में आदर्श गोठानों का निर्माण कर गोबर खरीदी की जा रही है। इससे पशुपालकों के जीवन में समृद्धि आई है। उन्होंने महिला समूहों, गोठान समिति और पशुपालकों को गोठानों को एक आय जनित केंद्र के रूप में विकसित करने कहा और अधिकारियों को निर्देश दिए। कलेक्टर निलेश क्षीरसागर ने बताया कि जिले में 113 गोठानों का निर्माण पूर्ण हो चुका है और स्वीकृत गोठानों का निर्माण तेजी से जारी है। चारागाह के लिए भी सभी गोठानों मे जगह का चयन किया जा रहा है। उन्होंने वर्मी और गोधन कंपोस्ट की गुणवत्ता में विशेष ध्यान देने के निर्देश भी दिए। जिला पंचायत के सीईओ ने कहा कि जिले के सभी गोठानों में आज पारंपरिक त्यौहार खुशनुमा माहौल में मनाया जा रहा है। साथ ही पशु धन शिविर का आयोजन भी किया जा रहा है। इस अवसर पर मंच में मौजूद अतिथियों द्वारा भी संबोधित संबोधित किया गया। इस अवसर पर सुराजी गांव योजना के अंतर्गत निर्मित गौठानों में कृषि यंत्रों और गोधन की पूजा अर्चना की गई। पारंपरिक खेल-कूद एवं व्यंजन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया।
जिले में हरेली पर्व के पावन अवसर पर गौठानों में पारंपरिक खेल जैसे गेड़ी दौड़, कुर्सी दौड़, फुगड़ी, रस्सा-कस्सी, बाल प्रतियोगिता, नारियल फेक आदि प्रतियोगिता ,छत्तीसगढ़ी पारंपरिक व्यंजन आदि की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इसके साथ ही गौठान प्रबंधन समिति, स्व-सहायता समूह एवं जनप्रतिनिधियों से गौठानों की गतिविधियों के संबंध में चर्चा-परिचर्चा का आयोजन हुआ। गौठानों में महिला स्व-सहायता समूह द्वारा निर्मित होने वाले वर्मी कंपोस्ट की सुरक्षा एवं रखरखाव का प्रबंधन तथा स्थानीय स्तर पर किसानों को वर्मी कंपोस्ट खाद का उपयोग करने के लिए प्रेरित करने प्रेरित किया गया।
गौठानों में फलदार, छायादार पौधों का रोपण किया गया और चारागाह विकास के लिए सकारात्मक चर्चा की गयी। स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सुबह 7 बजे से ही योगाभ्यास का प्रदर्शन किया गया। पशुओं के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए विशेष पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया। आवश्यकता अनुसाार पशुपालकों को मवेशियों के लिए निःशुल्क दवाइयां दी गयीं।
ज्ञात है कि छत्तीसगढ़ राज्य में गोधन न्याय योजना का शुभारंभ बीते वर्ष हरेली पर्व के दिन 20 जुलाई को किया गया था। गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ सरकार की एक ऐसी योजना है, जिसमे पशुपालकों, ग्रामीणों से 2 रुपए प्रति किलो की दर से गोबर क्रय किए जाने की शुरुआत की गई। गौठानों में क्रय गोबर से वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट प्लस खाद का निर्माण किए जाने के साथ ही महिला स्व-सहायता समूह द्वारा विविध उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। इस योजना के जरिए गोबर की खरीदी होने से ग्रामीणों, पशुपालक-किसानों को सीधे लाभ प्राप्त होने लगा हैं। गौठान और गोधन न्याय योजना के माध्यम से ग्रामीण अंचल में शुरू हुई आयमूलक गतिविधियों ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक गति प्रदान की है।जिले के गौठानो में आयोजित हरेली पर्व के दौरान पंचायत प्रतिनिधि, गौठान समिति के पदाधिकारी, गणमान्य नागरिक एवं ग्रामीण उपस्थित थे।