मुझ जैसे छोटे से सामाजिक कार्यकर्ता को सम्मान देकर यह साबित किया कि उन्हें प्रत्येक वर्ग का ध्यान है-जगदीश दीपक

रिपोर्टर:रोशन सिंह बम्भोले

उतई। छत्तीसगढ़ कृषक कल्याण बोर्ड में सदस्य बने जगदीश प्रसाद दीपक समाज सेवा में भी अग्रणी है। विधवा विवाह को प्रोत्साहित करने वाले सेवा भावी जगदीश दीपक गुरूजी अब किसानों के कल्याण के लिए काम करेंगे। राज्य शासन ने कृषक कल्याण परिषद में सदस्य बनाकर बड़ी जिम्मेदारी दी है। जिसे लेकर उनके गृह ग्राम कोड़िया,क्षेत्र व समाज के लोगों में हर्ष व्याप्त है।उनको बधाई देने वालों का दौर जारी है।कृषि कल्याण बोर्ड के सदस्य बनाय जाने पर जगदीश दीपक गुरूजी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुझ जैसे छोटे से सामाजिक कार्यकर्ता को सम्मान देकर यह साबित किया कि उन्हें प्रत्येक वर्ग का ध्यान है। इससे आम लोगों का सरकार के प्रति विश्वास और मजबूत होगा। उन्होंने आगे कहा कि वे सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट नरवा, गरवा, घुरवा बाड़ी को साकार करने का प्रयास करेंगे।
  दुर्ग विकासखंड के ग्राम कोड़िया में 6 सितम्बर 1949 को जन्मे 70 वर्षीय सेवानिवृत्त शिक्षक जगदीश दीपक का समाज सेवा में विशेष रूचि है। सन 1972 से सन 2011 तक 39 वर्षो तक समाज के एक शिक्षक के तौर पर सेवा करते रहे। शिक्षक के रूप में उनकी पहली पदस्थापना कवर्धा में हुआ। उसके बाद उन्होंने 30 वर्षो तक रिसाली के शासकीय मिडिल स्कुल में सेवा दी। वही से संकुल समन्वयक के रूप में सेवानिवृत भी हुए। जगदीश दीपक को शिक्षा विभाग में कई जिम्मेदारिया मिली थी। जिसे वे अनुशासन व समर्पण भाव से पुरे ईमानदारी के साथ निभाते रहे। इसी कारण उसे शिक्षा विभाग में भीष्म पितामह के नाम से भी जाने जाते थे। अपने शिक्षकीय सेवा के दौरान यथा नाम तथा गुण की तरह स्वयं दीपक की तरह जल कर अपनी ज्ञान की रौशनी मानव समाज में फैलाते रहे।
00 समाज के विभिन्न पदों पर रहे
साहू समाज में भी वे कई जिम्मेदार पदों पर रह कर सामिजक कुरीतियो जैसे मृत्यु भोज आदि के खिलाफ समाज में जागरूकता ला रहे है। वे प्रारम्भ में पूरई साहू समाज का गठन कर दो बार उपाध्यक्ष व दो बार अध्यक्ष के पद पर रहे व दुर्ग ग्रामीण तहसील साहू समाज में एक बार उपाध्यक्ष व दो बार अध्यक्ष पद पर रहे। जिला साहू संघ दुर्ग में न्याय प्रकोष्ट के सयोजक रहे व वर्तमान में जिला साहू संघ के उपाध्यक्ष है। समाज को संगठित कर सामाजिक कुरीतियो के प्रति जागरूक करने का प्रयास कर रहे है।
00 विधवा विवाह के हिमायती
यु तो जगदीश दीपक के मन में समाज सेवा की भावना कूट कूट कर भरा हुआ है।उन्होंने एक शिक्षक होने के नाते दुसरो को ज्ञान देने के साथ खुद उस ज्ञान पर खुद भी अमल किये। आज भी 21 वी सदी में हमारे पुरुष प्रधान समाज में महिलाओ के प्रति नजरिये में कोई खास परिवर्तन नही आया है।भले ही अपवाद स्वरूप कुछ उदाहरण मिल जायेंगे।आज भी तिलक व दहेज के नाम पर बहुए जलाई जा रही है।बेटियो को बोझ समझकर उनको कोख में ही मार दिया जाता है।आज भी लड़कियो के प्रति आम अवधारणा यही है कि महिलाओ को पढ़ालिखा कर क्या करेंगे आखिर उनको चूल्हा ही फुकना व बच्चे ही पैदा करना है।ऐसे समय में जगदीश दीपक ने अपने विधवा बहु को अपनी बेटी बनाकर उसका विवाह किया उसको उच्च शिक्षा दिया व उसको भी शिक्षक बनाकर ही दम लिया। उन्होंने आगे बताया कि उनके जीवन में सन् 2003 में एक टर्निंगपॉइंट आया।सन् 2003 में उनके बड़े बेटे गजेन्द्र दीपक का आकस्मिक मृत्यु हो गया। 3 माह के पुत्री के साथ उनकी बहु विधवा हो गई।इस तरह आकस्मिक निधन से उसकी बहु का हसता खेलता परिवार अचानक तबाह हो गया। वे स्वम बहुत ही दुखी हुए पर अपनी दुःख पर पर्दा डालकर अपने सीने में पत्थर रखकर अपनी बहु व नातीन के भविष्य को सवारने की सोचा।उन्होंने बिना देरी किये बेमेतरा डाइट में अपने बहु गुंजेश्वरी को 2 वर्ष का डी ऐड का प्रशिक्षण दिलवाये।सन् 2005 में शिक्षाकर्मी की नियुक्ति करवाले के बाद सन्2007 में बहु को बेटी बनाकर सामाजिक रीति रिवाज के साथ ग्राम कोडिया से लेखराम गंजीर शिक्षाकर्मी के साथ ग्राम देवसरा देवरी के लिये विदा किया। जगदीश दीपक बताते है कि वे अपने बहु को प्रतिवर्ष तीजपर्व में लाते है और उसका सम्मान करते है व अपने हर सुख दुःख कार्यक्रम में आमन्त्रित करते है। जगदीश दीपक की तरह यदि सभी लोग अपनी बहु को बेटी समझकर उनकी देख रेख करे तो निश्चित रूप से बहु व बेटियो पर होने वाले अत्याचार खत्म हो जाएगा व प्रत्येक बेटी का पालक निश्चिन्त रहेगा।इस तरह से एक नए युग की सूत्रपात होगा।
00 कर्मयोगी बतौर किया काम
70 वर्षीय जगदीश दीपक गुरूजी कितना भी दुःख आ जाय उनसे वे घबराते नही है बल्कि एक निष्काम कर्मयोगी की तरह समाज में निरन्तर सक्रीय रहते है।अभी एक वर्ष पूर्व उन्हने अपनी धर्म पत्नी शांति दीपक का निधन हुआ तथा अभी दो माह पूर्व कोरोना काल में अपने छोटे मोहेंद्र दीपक को भो खो दिया। दुर्ग ग्रामीण तहसील साहू संघ के अध्यक्ष प्रीतम साहू बताते है कि गुरूजी जगदीश दीपक ने तहसील के प्रत्येक परिक्षेत्र घूम घूम कर समाज के लोगों मुख्यमंत्री राहत कोस राशि जमा करवाने के लिये प्रेरित किया और उनकी मेहनत से 1 लाख 32 हजार रुपया की राशि दुर्ग ग्रामीण तहसील साहू संघ की तरफ मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा किया गया।ये भी उनकी एक बड़ी उपलब्धि है।
ब्लाक कांग्रेस कमेटी दुर्ग के अध्यक्ष नन्दकुमार सेन बताते है कि गुरूजी एक कुशल समाजसेवक व पार्टी कार्यकर्ता है उन्हें जो जिम्मेदारी दी जाती है। उन्हें बड़ी ईमानदारी से निभाते है।

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