विश्व पर्यावरण दिवस 2021 का आयोजन रिलायंस फाउंडेशन के द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन हेतु विभिन्न गतिविधियां की गई
राजनांदगांव — जिले के ग्राम बरगा खपरी कला किर्गी केसला व बोदेला में पंचायत, युवा वॉलिंटियर्स एवं बचत समूह की महिलाओं के द्वारा ग्राम की सफाई, पौधरोपण का कार्य किया गया.
ग्राम रेंगा कठेरा, डोम्हाटोला, बुंदेलीकला, बासुला और खपरी कला के युवा वॉलिंटियर्स एवं महिलाओं ने पर्यावरण दिवस का का कार्यक्रम विभिन्न प्रजातियों के बीज से के 5000 से अधिक सीडबॉल बना करके उनको प्लांटेशन करके किया.
सीड बॉल बनाने हेतु उन्होंने मिट्टी गोबर वर्मी कंपोस्ट और इसमें अर्जुन, करंज, शीशम, नीम, आम, जामुन, जैसे ही स्थानिक बीजों का प्रयोग किया.
साथ ही सांकेतिक रूप से इन सभी गांव में वृक्षारोपण का कार्यक्रम भी किया गया. इन सभी 10 गांव में करीब 200 पौधे का प्लांटेशन किया गया.
कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने शपथ लिया कि हम सब पर्यावरण की सुरक्षा हेतु तत्पर रहेंगे एवं सरकार व अन्य विभागों के साथ मिलकर पर्यावरण की सुरक्षा हेतु कार्य करेंगे.
इन सभी गांव के पंच सरपंचों, महिलाओं व यूथ ग्रुप का विशेष योगदान रहा. पर्यावरण दिवस के इस कार्यक्रम में 10 गांव से कुल 180 लोगों ने भाग लिया जिसमें 51 पुरुष व 129 महिलाएं थी.
रिलायंस फाउंडेशन की तरफ से प्रोग्राम डायरेक्टर देवेंद्र पटेल ने ग्राम डोम्हाटोला के कार्यक्रम में भाग लिया और उन्होंने रिलायंस फाउंडेशन की तरफ से कुछ महत्वपूर्ण कार्य करने हेतु सभी को आवाहन किया
पहला अधिक से अधिक पौधारोपण करके हरियाली को बढ़ाएं इसके लिए स्थानीय संसाधनों बीजों एवं पौधों का चयन करें एवं पौधों के संरक्षण के लिए स्थानीय समुदाय की भागीदारी को बढ़ाने पर उन्होंने जोर दिया.
दूसरा जल का संरक्षण करें, पानी का सर्वाधिक इस्तेमाल कृषि कार्य में सिंचाई हेतु किया जाता है, किसान सिंचाई के उन्नत तकनीक का इस्तेमाल करके सिंचाई में होने वाले पानी की मात्रा को घटाकर के सिंचाई का क्षेत्रफल बढ़ा सकते हैं इसके लिए उन्नत तकनीक जैसे कि ड्रिप, स्प्रिंकलर पद्धति व रेन पाइप जैसे आधुनिक संसाधनों का इस्तेमाल करें.
तीसरा फसल हेतु बाजार पर अपनी निर्भरता को कम करें एवं स्थानिक संसाधनों पर अपनी निर्भरता को बढ़ाएं, इससे ना केवल किसानों की आमदनी बढ़ेगी अपितु उनका खर्च भी घटेगा
चौथा अत्यधिक रासायनिक दवाओं व खाद का प्रयोग ना करें जमीन की उर्वरता और उसकी उत्पादन क्षमता के हिसाब से वैज्ञानिक अनुशंसा का प्रयोग करते हुए दवाई और खाद का इस्तेमाल करें इससे अनावश्यक खर्च से बचा जा सकता है एवं पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है.
इन सभी 10 गांव में पर्यावरण दिवस के आयोजन हेतु रिलायंस फाउंडेशन के फील्ड स्टाफ वॉलिंटियर तेजस्वी वर्मा ग्राम बांसुला, हेमंत सिन्हा ग्राम खुड़मुड़ी, गोपाल दास साहू ग्राम पिपरी से ग्राम पेटेश्री का सराहनीय योगदान रहा.