रिलायंस फाउंडेशन द्वारा गर्मियों में दुधारू पशुओं के प्रबंधन पर कार्यशाला का आयोजन

राजनादगांव।रिलायंस फाउंडेशन द्वारा पशुपालन विभाग राजनांदगांव के सहयोग से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसका उद्देश्य था गर्मियों में दुधारू पशुओं का प्रबंधन। पशुधन विभाग की तरफ से डॉक्टर ममता मेश्राम ने इसकी जानकारी दी रिलायंस फाउंडेशन इनफॉरमेशन सर्विसेज की ओर से प्रोजेक्ट मैनेजर मिथिलेश साहू ने कार्यक्रम कार्यक्रम का संचालन किया. रिलायंस फाउंडेशन बीज की तरफ से टीमलीडर देवेंद्र पटेल , प्रोजेक्ट मैनेजर बालकिशन यदुवंशी एवं अशोक मिश्रा शामिल थे राजनांदगांव जिले के कुल 30 किसानों ने वीडियो कांफ्रेंस के द्वारा इस कार्यशाला में भाग लिया।

डॉक्टर ममता मेश्राम ने गर्मियों में दुधारू पशुओं के प्रबंधन पर जानकारी देते हुए कहा कि गर्मी बढ़ने की वजह से पशुओं में पाचन प्रणाली और दूध उत्पादन की क्षमता पर प्रभाव पड़ता है। अतः गर्मियों में विशेष प्रबंधन की आवश्यकता पड़ती है ताकि किसान भाइयों को नुकसान ना हो।

गर्मियों में दुधारू पशुओं को छत वाली पशुशाला में रखना चाहिए, पशुशाला के छत की ऊंचाई कम से कम 10 फुट हो और उसके ऊपर 4 से 6 इंच मोटी घास फूस की परत छप्पर पर डाल देने से पशुशाला का अंदर का तापमान कम बना रहता है। पशुशाला में खिड़की दरवाजे जिससे पशुशाला हवादार बनी रहे, रोशनी का उचित प्रबंध हो।

फर्श साफ सुथरी व पक्का हो जिससे फिसलन ना हो एवं गोमूत्र व पानी की निकासी हेतु ढलान हो. पशुशाला में प्रत्येक पशुओं के लिए पर्याप्त स्थान हो एक वयस्क पशु को 40 से 50 स्क्वायर फुट स्थान की आवश्यकता पड़ती है।

गर्मी अधिक होने पर पशुओं के शरीर में दिन में तीन से चार बार ठंडे पानी का छिड़काव करें। गर्मियों में पशुओं का पाचन धीमा होता है अतः पशुओं को चारा प्रातः एवं साईं काल में ही उपलब्ध करना चाहिए।पशुओं के चारे में हरे चारे की मात्रा अधिक रखें। गर्मी के मौसम में हरे चारे के लिए मार्च-अप्रैल में मूंग मक्का बरबटी की बुवाई करने चाहिए जिससे पूरे गर्मी में पशुओं को हरा चारा मिल सके।

पानी प्रबंधन
गर्मी में पशुओं को भूख कम लगती है एवं प्यास अधिक इसलिए पशुओं को पर्याप्त मात्रा में दिन में कम से कम 3 बार पानी पिलाना चाहिए. पानी में थोड़ा नमक और आटा या गुड़ मिलाकर के पिलाना चाहिए. एक स्वस्थ पशु को गर्मी के मौसम में 25 से 30 लीटर पानी जीवन यापन के लिए और दूध उत्पादन के लिए 1 लीटर दूध में 3 लीटर पानी के हिसाब से उपलब्ध करना चाहिए. सामान्यता पशु को 3 से 5 लीटर पानी की आवश्यकता प्रति घंटे होती है।

पशुओं के संतुलित आहार में दाना व चारे का अनुपात 40:60 अनुपात में होना चाहिए। उचित आवास आहार प्रबंधन एवं उपरोक्त वर्णित समस्याओं एवं उनके निवारण के उपायों को ध्यान में रखकर दुधारू पशु को गर्मी के मौसम में स्वस्थ रखकर उनके दुग्ध उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। साथ ही मिथलेश साहू ने रिलायंस फाऊंडेशन द्वारा किसानो को संचार माध्यम से विभागीय योजनाओं से जुड़ने की और रिलायंस फाउंडेशन के निःशुल्क हेल्पलाइन नंबर 1800-419-8800 के बारे में बताया।

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