? ब्यूरो रिपोर्ट विक्रम कुमार नागेश गरियाबंद
फिंगेश्वर। क्षेत्र सहसपुर एक ओर देश और प्रदेश में स्वछता पर जोर दिया जा रहा है। विशेष अभियान चलाया जा रहा है लोगो स्वछता के प्रति जागरूक किया जा रहा है। वही ठीक इसके विपरीत फिंगेस्वर जनपद के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत सहसपुर में स्वछता के प्रति लापरवाही बरती जा रही है। ग्राम सहसपुर के बस्ती में घुसने के पहले आपको गंदे पानी का सामना करना पड़ेगा बस्ती के कुछ लोगो के घरों के गंदा पानी सड़क में बह रहा है। जिसमे एक जनप्रतिनिधि के घर का भी गंदा पानी शामिल है। ग्रामीणों को इन गंदे पानी को लांघ कर जाना पड़ता है जिससे आम आदमी परेशान हो गया है । आने जाने वालों के ऊपर गंदे पानी का छीटा पड़ता है ।वहां का वातावरण दूषित और दुर्गंधमय हो गया है। आने जाने वाले इस दुर्गंध से परेशान हो गए है ।ग्रामीणों ने मौखिक रूप से सरपंच और ग्राम पंचायत में इसका शिकायत कई बार कर चुके है। पर इस गंदे पानी के निकासी के समश्या का कोई समाधान नही निकला है। साथ ही स्वछता अभियान से जुड़े अधिकारी,कर्मचारी भी इस ओर ध्यान नही दे कर अनदेखा कर रहे है।
सबसे बड़ी बात यह है कि जिस रास्ते से यह गंदा पानी बहता है। उसी रास्ते मे सहाड़ा देव और दुर्गा मंदिर भी जिसे लांघ कर ग्रामीण जन मंदिर दर्शन के लिए जाते है। अगर श्रद्धालु कुछ देर बैठना भी चाहे तो दुर्गंध के कारण बैठ नही पाते इससे कही न कही उनके आस्था और भक्ति को ठेस पहुचती है। सबसे बड़ी बात यह है कि अब कुछ ही दिनों बाद नवरात्र प्रारंभ होने वाली है और भक्त इसी गंदे पानी को लांघ कर उपासना के लिए मंदिर जाएंगे।
इस संबंध में जब सरपंच प्रतिनिधि से चर्चा किया गया तो उन्होंने कहा कि हमने पंचायत के तरफ से 14 वें वित्त में इसका प्रस्ताव भेजा था उसका कोई जवाब नही आया है अभी फिर से हमने 15 वें वित्त में नाली निर्माण का प्रस्ताव भेजा है अब देखो क्या होता है। अगर राशि आ गई तो नाली निर्माण करेंगे। 15 वें वित्त में भी अगर प्रस्ताव पास नही हुआ तो नाली निर्माण का कार्य फिर रुक जाएगा और लोगो की इसी गंदे पानी को लांघ कर जाना पड़ेगा जो सोचनीय विषय है और लगता है ग्राम पंचायत भी इस काम के लिए गंभीर नही है जो अत्यन्त आवश्यक विषय है।