? ब्यूरो रिपोर्ट विक्रम कुमार नागेश गरियाबंद
देवभोग। घटना आज जहां एक विशालकाय ट्रक देवभोग रायपुर मार्ग झराबहाल और डोहेल के मध्य उतारू में अनियंत्रित होकर पलट गया जब यह ट्रक पलट रहा था उस वक्त ट्रक को साइड देते साइकिल और मोटरसाइकिल सवार भी ट्रक के नीचे रहे । शुक्र है कि बड़ा हादसा होते-होते टल गया अन्यथा इस ट्रक चालक की लापरवाही के चलते ट्रक तो पलटता ही राहगीरों को भी जान का खतरा हो सकता था।
अभी हाल में ही छत्तीसगढ़ में रोड सेफ्टी को लेकर कई कार्यक्रम में चलाई जा रही हैं वहीं लोगों को जान माल की सुरक्षा यातायात नियमों की जनजागरण के लिए रोड सेफ्टी क्रिकेट टूर्नामेंट का भी आयोजन किया गया था की लोग क्रिकेट के जरिए रोड के नियमों को समझें पर यहां सीन कुछ अलग नजर आ रहा है यातायात नियमों की अवहेलना और लापरवाही के चलते आए दिन सड़क दुर्घटना के मामले सामने आते रहते हैं।
फिलहाल यह ट्रक कहां का है कहां जा रहा था इसका तो अब तक पता नहीं चल पाया है लेकिन इतना पता चल गया है कि ट्रक पलटने के साथ ही ट्रक ड्राइवर फरार हो गया है वही प्रत्यक्षदर्शी की माने तो ट्रक रफ्तार से जा रहा था और अचानक अनियंत्रित हो गया किसी तरह आसपास के लोगों ने खुद को संभाला ट्रक चालक खुद को संभालने में नाकामयाब रहा और रोड से उतर कर नीचे खेत में जाकर फस गया है ट्रक की स्पीड कितना था आप इन तस्वीरों को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं हालांकि इस हादसे में किसी की जान माल का हानि नहीं हुआ है।
सकरी रोड बन रहा है जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा है
हम आप लोगों को बताना चाहेंगे कि इस सकरी रोड मैं बस ट्रक मोटरसाइकिल साइकिल दुपहिया चार पहिया कई सैकड़ो गाड़ियां 24 घंटे में गुजर रही है जिससे लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ होने जैसा लगता है क्योंकि एक दूसरे को साइड देने के चक्कर में किसी ना किसी को रोड के नीचे गाड़ी उतारकर निकलना पड़ता है किसी किसी मामले में तो दोनों पक्षों की ओर से नीचे उतारना गवारा समझते हैं ऐसी स्थिति में दुर्घटना की संभावना और बढ़ जाता है वहीं दूसरी ओर लगातार क्षेत्र वासियों द्वारा गुहार लगाया जा रहा है की देवभोग से गरियाबंद तक की सड़क चौड़ीकरण किया जाए पर अब तक शासन प्रशासन की ओर से इन मांगों को लेकर कोई स्पष्टीकरण सामने नहीं आया है जबकि लोग आस लगाए बैठे हैं। सड़क चौड़ीकरण का मामला अटका है। वहीं आए दिन लगातार इन क्षेत्रों में सड़क दुर्घटना के मामले बढ़ते जा रहे हैं पर सरकार मौन बैठी नज़र आती है।