राज्य सरकार का बजट को आमजनता के साथ छलावा कर निराशाजनक – सतीश लाटियां ने

कांकेर । भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष सतीश लाटिया ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रस्तुत बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रस्तुत बजट में नया तो कुछ नहीं है। लेकिन प्रदेश सरकार का यह बजट ऐसा है कि जहां आम आदमी अपना सब कुछ लुटाने को विवश होगा। प्रदेश सरकार ने किसानों सहित आम आदमी के जीवन स्तर को ऊपर उठाने की किसी योजना पर बात नहीं किया चुनावी घोषणा पत्र में सम्मिलित रोजगार सृजन, बेरोजगारी भत्ता और कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर इस बजट में कोई प्रावधान नहीं दिख रहा, ना ही भूपेश सरकार की इनमें किसी प्रकार की कोई इच्छा शक्ति दिख रही है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रस्तुत यह बजट पूर्णतः उत्साह विहिन और प्रदेश में दिख रहे आर्थिक संकट की झलक वाला बजट है। यह बजट राज्य के प्रति व्यक्ति की आय कम करने के साथ-साथ गरीबी को बढ़ावा देने वाला सिद्ध होगा।
सतीश लाटिया ने कहा कि भूपेश सरकार का 97,106 करोड रुपए का बजट शहरी क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र व इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र से रहित है। ग्रामीण क्षेत्र के लिए जिस प्रकार चुनावी वादों को सिर्फ घोषित कर यह सरकार सत्ता में आई है वैसे ही यह बजट पुनः लोक लुभावनी सपनों की तरह है जो कि पूरा होते नजर नहीं आएगा क्योंकि बजट में राजस्व व्यय ज्यादा वक्त पूंजीगत व्यय कम है।
इससे राज्य के बढ़ते खर्चे पर रिजर्व बैंक से कई बार लिए गए करोड़ों रुपए के कर्ज को कैसे पटाया जाएगा जिसकी चिंता हर एक प्रदेशवासियों को रहेगी।
जिला महामंत्री बृजेश चौहान व दिलीप जायसवाल ने बजट को निराशाजनक बताते हुए कहा है कि यह बजट जमीनी सच्चाइयों से कोसों दूर है और प्रदेश सरकार ने एक बार फिर अपने राजनीतिक चरित्र के अनुरूप छलावों का दस्तावेज पेश करके अपनी जिम्मेदारियों से पलायन करने की मानसिकता का परिचय दिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा वित्त मंत्री के तौर पर प्रस्तुत बजट में नया तो कुछ है ही नहीं, जो काम हाथ में लिए गए हैं, उनको पूरा करने की इच्छाशक्ति और भावना भी इस बजट में कहीं नजर नहीं आ रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने बजट में राशि का जैसा प्रावधान किया है, उससे प्रदेश सरकार की नीयत और नीति को लेकर यह सवाल उठना लाजिमी है कि प्रदेश सरकार क्या वास्तव में कोई ठोस कार्य करने का इरादा रखती है या फिर बस बजट पेश करने की रस्म अदायगी करके अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रही है? उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का यह बजट कोई नई आशा नहीं जगा रहा है। जिला मीडिया प्रभारी निपेन्द्र पटेल ने बजट को धोखा बताते हुए कहा कि जीवन की सुविधाओं से जुड़ीं कई मदों में तो सरकार ने राशि का पर्याप्त प्रावधान तक नहीं किया है, जिसके चलते प्रदेश सरकार की योजनाएँ आखिरकार दम तोड़ने विवश हो जाएंगीं। यह पूरा बजट प्रदेश सरकार का वह सब्जबाग है, जहाँ आम आदमी अपना सब कुछ लुटाने को विवश होगा।

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