लोकेश्वर सिन्हा
गरियांबद । जिला मुख्यालय से 150 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए एक दिव्यांक ब्यक्ति के द्वारा गरियांबद कलेक्ट्रेट पहुचा गया और अपने दिनचर्या के कार्य को सम्पादित करने के लिए ट्रायसिकल की मांग किया गया। आपको बता दे कि गरियांबद जिले के देवभोग ब्लाक से 15 किलोमीटर दूर ग्राम खोखसरा निवासी विवेकानंद खरे जो कि शरीर से 8 प्रतिशत दिव्यांक है, वही 12 कक्षा तक पढा भी है, लेकिन अपने शारीरिक कमजोरी के कारण शादी नही किया है और अकेले रहकर जीवन यापन कर रहा है, उसे प्रशासन के द्वारा अगस्त 2020 में ई सायकल तो दिया गया था जो दो चार दिन भी नही चला पाया और खराब हो गया जिसे सुधरवाने में लगभग 18 सौ रुपये खर्च बता रहा है जिसे दिव्यांक ब्यक्ति के द्वारा देने में अक्षमता जाहिर करते हुए प्रशासन से नए ट्रायसिकल की मांग करने बड़े ही मुश्किल से गरियांबद जिला कार्यालय पहुचा। आपको बता दे कि प्रशासन द्वारा वर्तमान में उसे जीवन यापन करने के लिए 350 रूपया नकद और 35 किलो चावल तो प्रदान किया जाता है, लेकिन वर्तमान के बढ़ते महंगाई में पूर्ति नही होने के चलते ट्रायसिकल और सहायता राशि 500 रुपये देने की मांग समाजकल्याण विभाग से किया गया। इसे गम्भीरता से लेते हुए समाजकल्याण विभाग द्वारा ट्रायसिकल देने देवभोग ब्लाक से तत्काल सर्पर्क किया गया, औऱ 500 रुपये के लिए प्रक्रिया बढाने की बात कही गई।