बालोद। जिले के गुंडरदेही थाने में दर्ज ठगी के एक मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। एसपी जितेन्द्र सिंह मीणा के मार्र्गदर्शन व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डीआर पोर्ते के निर्देशन तथा निरीक्षक रोहित मालेकर की कुशलता से पुलिस ने आरोपियों को उत्तरप्रदेश से गिरफ्तार किया है। आरोपियों को प्रतापगढ उत्तरप्रदेश से गिरफ्तार किया गया। जिसमें प्रकरण के 03 आरोपितों 1.हिन्दराज पिता राम भरोसे, इरसाद पिता सफीर व शैलेन्द्र कुमार यादव पिता लाल बहादुर यादव को गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर बालोद लाया गया।
घटना के संबंध में गुंडरदेही पुलिस ने बताया कि टीकम कुमार यादव ग्राम कोटगांव निवासी ने शिकायत दर्ज कराई थी। 10 जुलाई 2019 को सिकोसा एसबीआई एटीएम में पैसा निकालने गया था। एटीएम मशीन सेे पैसा नही निकलने पर प्रार्थी के बगल में खडे एक अज्ञात व्यक्ति ने मदद के बहाने एटीएम कार्ड और पिन नम्बर प्राप्त कर अपने पास रखे एटीएम कार्ड से प्रार्थी के एटीएम कार्ड को बदलकर वहां से फरार हो गया। इसके बाद प्रार्थी द्वारा एटीएम कार्ड देखने पर दूसरे का होने से वह एसबीआई बैंक जाकर जानकारी ली। तब उसे पता चला कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा उसकेे खाते से यूको बैंक के एटीएम मशीन से 8000 रुपए निकाल लिए। प्रार्थी की रिपोर्ट पर थाना गुण्डरदेही में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के क्रम में टीम द्वारा सायबर सेल से तकनीकी जानकारी एवं बैंक खातों की डिटेल प्राप्त कर प्रतापगढ उत्तरप्रदेश रवाना होकर टीम वहां ग्रामीण वेषभूषा में 10 दिन रह कर अज्ञात आरोपियों के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर प्रकरण के तीन आरोपियों को घटना में प्रयुक्त उसकी स्फ्टि कार के साथ गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों द्वारा छत्तीसगढ के अलावा अन्य राज्यों में जाकर एटीएम मशीन में खडे होकर भेले-भाले लोगो को देख कर टारगेट करते है फिर उसे पैसा निकालने में मदद करने के बहाने उसका एटीएम कार्ड का पिन नम्बर देखकर उसी प्रकार का दिखने वाला एटीएम कार्ड को लोगों को बातों में फंसा कर बदलकर अपना फर्जी एटीएम कार्ड देकर वहां से फरार हो जाते थे। दूसरे एटीएम मशीन में जाकर बदले हुए एटीएम कार्ड में कितना रकम है जानकर पैसा कैश निकालकर बाकि रकम दूसरे फर्जी खातों में ट्रांसफर कर निकाल लेते है। इसी प्रकार एटीएम कार्ड क्लोलिंग मशीन ऑनलाईन खरीदी कर भोले-भाले लोगों को इसी प्रकार निशााना बनाकर ठगी का वारदात को अंजाम देते हैं। ये आरोपी, गिरोह में काम करते है सबका अपना अपना काम होता है एक बाहर रेकी करता है एक बातों मे उलझाया रखता है एक व्यक्ति एटीएम कार्ड और पिन देखकर उसे बदलने मे मदद करता है। ये गिरोह के सदस्य कई बार छत्तीसगढ़ में इस प्रकार की घटना को अंजाम दे चुके है।