रायपुर। एक ओर पूरे देश मे कोरोना टीकाकरण अभियान शुरू होने की तैयारी जोरों पर है और समूचा देश कोरोना वैश्विक महामारी के खात्मे के लिए टीका लगने की राह देख रहे है तो दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में सरकार से नाराज स्वास्थ्य कर्मचारियों ने हड़ताल में जाने का शंखनाद कर दिया है जिसके कारण छत्तीसगढ़ में कोरोना टीकाकरण अभियान खटाई में पड़ सकता है क्योंकि स्वास्थ्य विभाग जिनके द्वारा इस पूरे टीकाकरण को अमलीजामा पहनाने की तैयारी कर रहा है, उन्ही स्वास्थ्य संयोजक कर्मचरियो के द्वारा अपनी प्रमुख मांग 2800 ग्रेड पे को लेकर आंदोलन पर जाने की बात कह रहे है । पिछले दिनों स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ की प्रान्त स्तरीय बैठक सम्पन्न हुआ जिसमें सरकार द्वारा मांगों के प्रति सकारात्मक पहल न होते देख आंदोलन में जाने की रणनीति बनाई गई जिसमें आने वाले 23 जनवरी को प्रान्तस्तरीय एक दिवसीय धरना प्रदर्शन करने व मांगो पर उचित कार्यवाही नही किये जाने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल में जाने की चेतावनी सरकार को दी गयी है। संघ के जिलाध्यक्ष पंकज राठौर ने बताया कि स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ वेतन विसंगति दूर कर 2800 ग्रेड पे इस संवर्ग को देने की मांग कई वर्षों से करते आ रहे है स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ के रूप में जाना जाता है जिनके द्वारा समस्त राष्ट्रीय कार्यक्रम का जमीनी स्तर क्रियान्वयन किया जाता है व ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करते है ,पिछले भाजपा सरकार के समय संघ द्वारा 47 दिनों तक ऐतिहासिक अनिश्चितकालीन आंदोलन किया गया था जिसमे दुर्ग जिले के सभी स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारियों को उस समय बर्खास्त कर दिया गया था उस समय कांग्रेस की सरकार ने हमारी मांग को पूरा करने के लिए हमारी मांग को अपने घोषणापत्र में सम्मिलित किया था लेकिन 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी सरकार हमारी मांग को लेकर गंभीर नही दिख रही है जिसके कारण पूरे प्रदेश के कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है वर्तमान समय मे स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी कोरोना नियंत्रण में लगातार बिना छुट्टी के कार्य कर रहे है ,कोविड जांच से लेकर ,होम आइसोलेशन में मरीज की देखरेख ,प्राइमरी कांटेक्ट में आये लोगो की जांच व दवाई से लेकर सभी कार्य कर रहे है लेकिन सरकार के द्वारा लगातार काम का बोझ डालते जा रहा है परन्तु ग्रेड पे के विषय मे कोई निर्णय नही लिया गया है जो कि निराशजनक व हतोत्साहित करने वाला है इसलिए कर्मचारी अब आरपार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिए है।