भिलाई। कोरोना के वेंटीलेटर सपोर्ट वाले गंभीर मरीज को मित्तल अस्पताल प्रबंधन द्वारा एम्स रायपुर ले जाने के लिए कहने के मामले में जिला प्रशासन ने जांच पूरी कर ली है। संयुक्त जांच कमेटी ने प्रतिवेदन में पीडि़त परिवार को 12,000 रुपए वापस करने की अनुशंसा की है। वहीं अस्पताल प्रबंधन पर 20 हजार रुपए का जुमार्ना भी लगाया गया। जांच कमेटी ने पाया कि हाई रिस्क सहमति पत्र में मरीज के परिजनों के हस्ताक्षर नहीं है। मरीज की स्थिति के संबंध में परिजनों को अवगत कराने का भी उल्लेख नहीं है। अधिकारियों ने इसे बहुत गंभीर लापरवाही माना है।
जांच दल के मुताबिक प्रथम दृष्टया संचालक मित्तल हॉस्पिटल भिलाई की लापरवाही पाई गई। नर्सिंग होम एक्ट 2013 में वर्णित अध्याय-3, 12 दण्ड और जुर्माना (क) (1) इस अधिनियम अथवा इसके अधीन बनाए गए किन्ही नियमों के अधीन जो भी अनुज्ञा पत्र के संबंध में बनाए गए प्रावधान का उल्लंघन करता है तो 20 हजार रुपए के जुर्माने से दण्डनीय होगा। इस मामले में इस प्रावधान का उल्लंघन पाया गया। इस पर अस्पताल संचालक को 20 हजार रुपए जुर्माना से दण्डित किया गया है। इसके अलावा मृतक मरीज के परिजनों को 12 हजार रुपए वापस करने के लिए भी जांच समिति ने आदेशित किया है।