दुर्ग। जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक में कलेक्टर डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने अधिकारियों से बाल श्रमिकों, बच्चों द्वारा की जाने वाली भिक्षावृत्ति एवं चाइल्ड ट्रैफिकिंग पर विशेष नजर रखने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने कहा कि लेबर डिपार्टमेंट एवं महिला बाल विकास विभाग की टीम इस बात पर नजर रखे। उन्होंने कहा कि मानिटरिंग किसी विशेष समय पर नहीं अपितु रैंडम होनी चाहिए। सुबह के वक्त और देर शाम को भी दुकानों में एवं अन्य व्यावसायिक स्थलों में इसकी जाँच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बाल श्रमिक पाये जाने पर संबंधित संस्थान पर कड़ी कार्रवाई करें।
उन्होंने कहा कि इसी तरह से बाल भिक्षावृत्ति पर भी नजर रखने की जरूरत है। इनके अभिभावकों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए। जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन जैन ने बताया कि बाल भिक्षावृत्ति पर लगातार नजर रखी जा रही है। टीम अलग-अलग समय पर व्यस्ततम चौराहों पर जाती है। नियमानुसार कार्रवाई की जाती है। कलेक्टर ने कहा कि चाइल्ड ट्रैफिकिंग को रोकने पंचायतों के रिकार्ड का अवलोकन भी जरूरी है। समय-समय पर पंचायतों की ओर से आई जानकारी को देखते रहें और स्थिति की मानिटरिंग करते रहें। संप्रेक्षण गृह की आवश्यकताओं के संबंध में भी विस्तार से चर्चा बैठक में हुई। यहाँ अतिरिक्त पानी की उपलब्धता के लिए अमृत मिशन से व्यवस्था करने के निर्देश दिये गए। सखी सेंटर में आने वाले आवेदनों एवं इनके निराकरण के बारे में भी कलेक्टर ने जानकारी ली। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि चौदह सौ से अधिक आवेदनों का निराकरण यहाँ किया गया। कलेक्टर ने कहा कि बच्चों की जरूरतों के संबंध में जिस तरह से भी बेहतर करने के लिए फीडबैक आते हैं। उनसे अवगत कराया जाए ताकि इस संबंध में व्यवस्था की जा सके। यहाँ आने वाले नये बच्चों के शाम को ही कोविड टेस्ट हो सके, इस संबंध में भी कलेक्टर ने निर्देश दिये। बैठक में नगर निगम कमिश्नर श्री ऋतुराज रघुवंशी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।