गौरव पथ व निगम के उद्यानों में छत्तीसगढ़ की लोक कलाकृति, संस्कृति उल्लेखित किया जाएगा

दुर्ग. शहर का गौरव पथ सुन्दर और व्यवस्थित तथा छत्तीसगढ़ की लोक कलाकृति एवं संस्कृति से सुसज्जित होगा इसके लिए नगर पालिक निगम दुर्ग द्वारा जेल तिराहा के पास से पाथवे और सड़क की साफ-सफाई कार्य निगम आयुक्त इंद्रजीत बर्मन के निर्देश पर प्रारंभ कर दिया गया है । गौरव पथ में जेल के सामने से लेकर आगे मुर्गी फार्म प्रवेशद्वार और महिला समृद्धि बाजार के आगे तक पाथवे में घांस और बड़ी-बड़ी झाड़ियों उग आई है। गौरव पथ का बाउण्ड्रीवाल और पाथवे ढक गया है पूरा गौरव पथ के पाथवे में धूल और झाड़ियाॅ दिखायी देती है। जिसकी साफ-सफाई कार्य का आज विधायक अरुण वोरा, स्वास्थ्य प्रभारी मो0 हमीद खोखर के साथ गौरव पथ का भ्रमण कर निरीक्षण किया गया। उन्होनें गौरव पथ व्यवस्थित रखने निरंतर ध्यान देने निर्देश दिये। इस दौरान कार्यपालन अभियंता मोहनपुरी गोस्वामी, पार्षद सतीश देवांगन, उपअभियंता व अतिक्रमण प्रभारी शिव शर्मा, उद्यान निरीक्ष अनिल सिंह, स्वास्व अधिकारी दुर्गेश गुप्ता व अन्य लोग उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि  अरुण वोरा एवं महापौर धीरज बाकलीवाल द्वारा कल ही दादा-दादी, नाना-नानी पार्क का निरीक्षण के दौरान शहर के उद्यान और गौरव पथ को साफ-सुथारा, सुन्दर एवं व्यवस्थित करने अधिकारियों को निर्देशित किया गया था। इस दौरान स्वास्थ्य प्रभारी  हमीद खोखर भी उपस्थित थे। विधायक श्री वोरा ने गौरव पथ उग आई झाड़ियों को काटने और पाथवे से धूल हटाकर सफाई करने के निर्देश दिये। पाथवे में लगा पेंट खराब हो गया है रंग उड़ गया है इससे पाथवे दिखायी नहीं देता। पाथवे में जगह-जगह घांस उग आई है जिसकी सफाई कराया जाकर उसमें रंग-रोगन कराकर व्यवस्ािित करें। उन्होनें । गौरव पथ में कार्यो का निरंतर माॅनिटरिंग भी निरंतर करते रहने का भी निर्देश अधिकारियों को दिये।
विधायक एवं स्वास्थ्य प्रभारी ने दादा-दादी-नाना-नानी पार्क विवेकानंद भवन क्षेत्र का भ्रमण कर यातायात में बाधा पहुॅचाने वाले विद्युत पोल को हटाने कहा। विद्युत पोल या सड़क मार्ग को बाधा पहुॅचाने वाले अवैधानिक रुप से प्रचार हेतु लगे बैनर, पोस्टर, बोर्ड को भी हटायें निर्देश दिये। उन्होनें कहा दुर्ग का गौरव पथ अलग से अपनी पहचान बनाये इसके लिए जेल तिराहा से गांधी प्रतिमा तक शासकीय भवन, स्कूलें आदि निर्मित है जिनके बाउण्ड्रीवाल में छत्तीसगढ़ी लोक कलाकृति, लोक संस्कृति उकेरा जाए। उन्होनें शहर के उद्यान में भी वाल पेंटिंग कर छत्तीसगढ़ी लोक कलाकृति, लोक संस्कृति को उल्लेखित किया जावे इससे दुर्ग की अलग पहचान बनेगा वहीं हमारा शहर सुन्दर और व्यवस्थित दिखायी देगा।

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