साहू समाज शहर में बनाएगा खुद का हॉस्पिटल, छात्रावास व ऑडिटोरियम

रायपुर।साहू समाज के लोगों को राजधानी में बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा दिलाने के लिए जिला साहू संघ शहर में खुद का हॉस्पिटल, छात्रावास और ऑडिटोरियम बनाने की तैयारी में है। खास बात यह है कि समाज के पैसों से ही समाज को ये सुविधाएं मिलेंगी। यानी इसके लिए समाज से ही पैसे जुटाए जाएंगे। सरकारी मदद नहीं ली जाएगी। दरअसल, रविवार को संतोषी नगर स्थित मां कर्मा धाम में साहू युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन किया गया था। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू यहां बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। अध्यक्षता साहू संघ के प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन हिरवानी ने की। इसी दौरान शहर जिला साहू संघ के अध्यक्ष मेघराज साहू ने समाज के तीन बड़े लक्ष्य को सबके सामने रखा। उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल में समाज के जरूरतमंद लोगों की कम से कम शुल्क में इलाज की व्यवस्था करेंगे। इसी तरह प्रतिभावान बच्चों को पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल देने 5 एकड़ का शिक्षण संस्थान बनाएंगे जहां छात्रावास के साथ कोचिंग सेंटर भी होगा। सामाजिक और पारिवारिक कार्यक्रमों के लिए 3 हजार लोगों की क्षमता वाला मां कर्मा ऑडिटोरियम भी बनवाया जाएगा। मीडिया प्रभारी विष्णु साहू ने बताया कि इससे पूर्व संतोषी नगर में कर्मा माता का मंदिर बनाने का लक्ष्य रखा गया था जो पूरा हो चुका है। यह देश में मां कर्मा का सबसे बड़ा मंदिर है।

जरूरतमंदों के लिए संगठन बनाएं, मदद मैं करूंगा: ताम्रध्वज
मंत्री ताम्रध्वज साहू ने इस मौके पर समाज की परिचय पुस्तिका का विमोचन किया। उन्होंने समाज द्वारा आयोजित 2 दिवसीय व्यापार एक्सपो की सराहना करते हुए कहा, कोई भी समाज अपने लोगों से सशक्त बनता है। इसके लिए जरूरी है एक-दूसरे की मदद से आगे बढ़ने की भावना होना। हमें समाज में ऐसा संगठन बनाने की जरूरत है जिसमें पिछड़े लोगों को शामिल कर उनके रोजगार की व्यवस्था की जाए। मैं खुद भी इस नेक काम आर्थिक मदद देने के लिए तैयार हूं। प्रदेश साहू संघ के अध्यक्ष अर्जुन हिरवानी ने पूर्वजों के संस्कार, खान-पान और परिधान पर जोर दिया।

500 युवाओं ने दिया परिचय, तय जोड़ों का विवाह अप्रैल में
साहू महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष किरण साहू ने बताया कि परिचय सम्मेलन में 500 युवक-युवतियों ने शिरकत की। इनमें दिव्यांग, विधवा-विधुर और परित्यक्तता भी शामिल थे। कुछ के बीच रिश्ते को लेकर बातचीत भी शुरू हो गई है। इनमें से जिन जोड़ों की बात पक्की होगी, उनके लिए समाज की ओर से अप्रैल-मई में सामूहिक आदर्श विवाह का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हर साल परिचय सम्मेलन शाम 4 बजे तक खत्म हाे जाता था, लेकिन इस बार शाम 6 बजे तक चलता रहा। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रतिभागियों ने बारी-बारी परिचय दिया। सम्मेलन में शामिल हर व्यक्ति के लिए मास्क पहनना अनिवार्य था। जो मास्क नहीं लाए थे उन्हें प्रवेश द्वार पर ही मास्क मुहैया कराया गया।

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