अमलीपदर क्षेत्र सिहारलटी में गांव की छोटी मावली देवथाना में मनाया जाता है महालक्ष्मी जी का व्रत जाने क्या है खासियत

?जिला रिपोर्टर तेनसिंह मरकाम गरियाबंद

मैनपुर ब्लॉक जिला गरियाबंद छत्तीसगढ़ के एक ऐसा गांव जहां मां लक्ष्मी जी की पूजा प्रत्येक वर्ष बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। पर इसकी खासियत भी सबसे अलग है इस गांव में माता लक्ष्मी की पूजा गांव की मावली माता के मंदिर में आयोजित की जाती है।
पूजा का विशेष महत्व :
सिहारलटी पर मां माता लक्ष्मी जी की पूजा के साथ साथ गांव की मावली माता जी की दोनों की पूजा होती है।
इसकी खासियत यह है की ग्रामीणों की माने तो दोनों ही माता का आशीर्वाद सदैव गांव के लोगों पर बनी रहती है मा मावली माता का आशीर्वाद गांव के अप्राकृतिक बुरी शक्तियों से बचाती है तो वही माता लक्ष्मी जी की आशीर्वाद से गांव के लोगों पर सुख समृद्धि व शांति की प्राप्ति होती है।
न्यूज़ 24 कैरेट रिपोर्टर जिला पत्रकार तेनसिंह मरकाम से नरेंद्र कुमार मरकाम ने जानकारी देते हुए बताएं की ग्राम सिहारलटी में विगत कई वर्षों से माता लक्ष्मी जी की पूजा होती आ रही है मां लक्ष्मी जी की पूजा विधि पूर्वक सार्वजनिक तौर पर पूरे गांव के लोग इकट्ठे होकर माता लक्ष्मी जी की आव्हान करते हैं आरती उतारते हैं बड़े ही स्वभाविक सात्विक ढंग से प्रसाद का वितरण भी होता है।

रात्रि कालीन रंगारंग विशेष कार्यक्रम :
हर वर्ष रात्रि कालीन रंगारंग विशेष कार्यक्रम भी आयोजन इस दौरान गांव में क्या जाता है मा मावली मंदिर प्रांगण पर लेकिन इस बार कोविड-19 के चलते सभी रंगारंग सार्वजनिक कार्यक्रम कोरोना गाइड लाइन के अनुसार नियमों को पालन करते हुए स्थगित कर दिया गया है लगभग सप्ताह भर चलने वाली इस पूजा में गांव के सभी नागरिकों के साथ साथ आसपास के सभी लोग भी इस पूजा पर शामिल होने के लिए पहुंचते हैं साथी मित्र बंधु बांधव रिश्ते नाते सगा संबंधी सभी लोग माता लक्ष्मी जी की पूजा में शरीक होते हैं।
सरकारी कार्यक्रमों से अनजान :
सिहारलटी में आज भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है सरकार की लाभकारी योजना तो लोगो तक पहुँचती है पर आते आते देरी हो जाती है पूर्णतः आदिवासी ग्राम होने से गांव में रीति रिवाजों पूर्वजों के नियमों का भली भांति किया जाता है
जन चेतनाओं की अभाव से लोगो तक शासन की जन सहयोग सुविधा नहीं पहुंच रहा है।
जिला प्रशासन से हमारा निवेदन है कि ऐसे कई आदिवासी पंचायत है जिसमे लोंगो तक आज भी विकास एवं विस्तार से जुड़ी कार्यक्रम योजना नहीं पहुंच पा रही है जमीनी स्तर पर कार्ययोजना को चलाना अतिआवश्यक है।

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