कांकेर । जिले की महिलाओं को सशक्त करने तथा ग्रामीणों को लघु वनोपज का वाजिब दाम दिलाने के लिए सरकार द्वारा महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से लघु वनोपज की खरीदी की जा रही है, इस व्यवस्था से महिलाओं को रोजगार उपलब्ध हो रहा है, साथ ही संग्राहकों को भी फायदा हो रहा है। नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण सेे रोकथाम के लिए लगाये गये लाॅकडाउन के दौरान लघु वनोपज की खरीदी से ग्रामीणों को जीवन-यापन के लिए बहुत बड़ा सहारा मिला और वे अपनी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा कर सके।
जिला वनोपज सहकारी संघ कांकेर वनमण्डल में 21 प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों के ग्राम स्तर के संग्रहण केन्द्र तथा हाॅट-बाजारों के संग्रहण केन्द्रों और वनधन केन्द्रों में महिला स्व-सहायता समूह द्वारा हर्रा, बेहड़ा, इमली, धवई फूल, बहेड़ा कचरिया, कालमेघ, नागरमोथा, कुल्लू गोंद, चरोटा बीज, महुआ फूल, बनजीरा सहित अन्य लघु वनोपज 9131 क्विंटल 84 किलोग्राम खरीदी की गई, जिसके एवज में कांकेर वनमण्डल के 11 हजार 296 लघु वनोपज संग्राहकों को 01 करोड़ 95 लाख 14 हजार 138 रूपये का भुगतान किया गया है। स्व-सहायता समूहों के माध्यम से लघु वनोपज की खरीदी व्यवस्था से शुरू होने से महिलाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं, इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। जिला वनोपज सहकारी संघ मर्यादित कांकेर के अन्तर्गत वर्तमान में भी जैसे हर्रा, चरोटाबीज, आंवला, बेहड़ा, हर्रा-कचरिया, लाख, बेहड़ा कचरिया आदि का संग्रहण सीजन चालू है तथा पूर्व में खरीदे गये वनोपज को निर्धारित गोदाम में भण्डारित कर संघ मुख्यालय द्वारा निविदा के माध्यम से विक्रय किया जा रहा है।
जिला वनोपज सहकारी संघ मर्यादित कांकेर के परिक्षेत्र कोरर अंतर्गत दिशा स्व-सहायता समूह भानबेड़ा द्वारा 10 क्विंटल महुआ फूल का प्रसंस्करण कर 07 क्विंटल महुआ लड्डू विक्रय कर 04 लाख 93 हजार रूपये की आमदनी प्राप्त हुई है। इस कार्य की प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा भी सराहना किया गया है।